आईपीएल-12 में विराट कोहली की असफल कप्तानी देखकर यह तो साबित हो गया है कि टीम इंडिया की कप्तानी करते समय उन्हें एक ऐसे सहयोगी की जरूरत पड़ती है जो मैदान पर चालें चलने में उन्हें मदद कर सके.
इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप में भारत की कप्तानी संभालने जा रहे विराट की मदद के लिए देश के सबसे सफल कप्तान रह चुके महेंद्र सिंह धोनी मौजूद रहेंगे जो मैदान पर विपक्षी को चौंकाने के मामले में उस्ताद माने जाते हैं.
विराट की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु एक बार फिर आईपीएल में नाकाम रही और आठ टीमों के बीच फिसड्डी रही. पिछले 12 वर्षों में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज विराट एक बार भी अपनी टीम को विजेता नहीं बना पाए हैं.
12वें संस्करण में यह साफ़ था कि विराट की कप्तानी कमजोर दिखाई दे रही है. दूसरी तरफ देखा जाए तो धोनी अपनी टीम चेन्नई को प्लेऑफ में एक बार फिर ले जा चुके हैं.
धोनी ने चेन्नई को तीन बार आईपीएल का चैंपियन बनाया है. चेन्नई दो वर्ष का निलंबन काटने के बाद पिछले वर्ष जब आईपीएल में लौटी तो उसने पहला काम किया कि धोनी को टीम की बागडोर सौंप दी.
धोनी ने भी अपनी टीम को निराश नहीं किया और उसे तीसरी बार चैंपियन बना दिया.
आईपीएल के 12वें संस्करण में धोनी की शानदार बल्लेबाजी, बिजली की फुर्ती जैसी विकेटकीपिंग और शातिर कप्तानी का हर कोई कायल है.
धोनी ने ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह से गेंदबाजी की शुरुआत कराकर उन्हें एक मारक अस्त्र के रूप में पेश किया जबकि हरभजन लंबे अरसे से भारतीय टीम से बाहर हैं और इस बार उनकी पुरानी टीम मुंबई इंडियंस ने उन्हें रिटेन नहीं किया था.
लेकिन धोनी की कप्तानी ने हरभजन को भी एक नए अवतार में पेश किया है.
धोनी विकेट के पीछे जिस तरह अपने गेंदबाजों के लिए गाइड का काम करते हैं वह उनके कप्तान का आधे से ज्यादा बोझ हल्का कर देता है.
वनडे या ट्वंटी-20 मैचों में विराट ज्यादातर समय बॉउंड्री के पास फील्डिंग करते दिखाई देते हैं जबकि फील्ड सजाने का काम धोनी के जिम्मे रहता है.
धोनी की मौजूदगी में विराट काफी बेफिक्र रहते है और पूरी स्वच्छंदता के साथ बल्लेबाजी करते हैं.
डीआरएस लेने में सही फैसला करने में धोनी का कोई जवाब नहीं है और इस मामले में उनके अधिकतर निर्णय सही होते हैं. डीआरएस के मामले में विराट तो धोनी पर काफी भरोसा करते हैं.
वनडे टीम के उपकप्तान बेशक रोहित शर्मा हैं लेकिन विराट की चर्चा रोहित से ज्यादा धोनी से रहती है. धोनी को अपने विशाल अनुभव के कारण विराट का चाणक्य कहा जाए तो गलत नहीं होगा.
भारत को यदि इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप में चैंपियन बनना तो इसमें धोनी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. अनुभव के मामले में धोनी विश्व कप के सभी खिलाड़ियों पर बीस ही बैठेंगे.
37 वर्ष के धोनी का यह आखिरी विश्व कप होगा और इस विश्व कप में वह अपने चन्द्रगुप्त यानी विराट को विजेता बनाना चाहेंगे.
विराट ने दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में वनडे सीरीज जीती है और अब बारी इंग्लैंड में विश्व कप फतह करने की है.