हमारे साथ अक्सर ये होता है कि हमें अपने गुस्से पर काबू नहीं रहता. इस स्थिति में कई बार हम अपने सबसे अज़ीज़ लोगों का दिल दुखा देते हैं.
इस गुस्से को अपने मन में रख कर अगले दिन और ऐसे कई दिनों तक हम आपसी बातचीत को भी बंद कर देते हैं.
यदि हम पर किसी ने गुस्सा किया या हमारे हृदय को ठेस पहुंचाने वाले कटु शब्द कह दिए, तो भी हम उस कारण अपने करीबी लोगों से मन-मुटाव कर लेते हैं.
अब यह तो हुई करीबी लोगों की बात, किंतु इस आदत के चलते हम कई बार अपने ऑफिस में व मिलने जुलने वालों से या पड़ोसियों से भी किसी वैचारिक मतभेद को लेकर मनभेद की स्थिति उत्पन्न कर लेते हैं.
यह एक सामान्य आदत है और लगभग सभी के साथ जीवन में कई बार ऐसा होता है. अब आइए इसके सबसे सरल और कारगर उपाय के बारे में बात करते हैं.
उपाय यह है कि हम जब भी किसी से मिलें तो पिछला सब भूल कर मिलें. अब आप सोचेंगे कि पिछली बात भूलना तो कितना मुश्किल है, तो इसे दूसरी तरह से लेते हैं.
आप बात भूलने को भी भूल जाइए, आप बस इतना याद रखिए कि जब आप किसी से मिलें तो यूं मिले कि उससे पहली बार मिल रहे हैं.
अब याद कीजिए कि जब आप किसी से पहली बार मिलते हैं तो किस तरह से मिलते हैं, आप सर्वश्रेष्ठ होकर मिलते हैं, संपूर्ण होकर मिलते हैं, मुस्कुरा कर मिलते हैं और यूं मिलते हैं कि आपसे मिलकर सामने वाले प्रसन्न हो जाए.
अतः जब भी आप ऐसा करेंगे तो आप अपने हर रिश्ते को हर बार ताज़गी से भर लेंगे और मनभेद की स्थिति समाप्त हो जाएगी.