समुद्र के बीच अंडमान-निकोबार

पन्ने की तरह चमकते खूबसूरत अंडमान और निकोबार आइलैंड्स भारत के दक्षिण-पूर्व दिशा में, बंगाल की खाड़ी में स्थित हैं.

शहरों के शोरगुल से दूर ये आइलैंड्स के हसीं नज़ारे, सदाबहार वन-उपवन की छांव और अनदेखे पशु-पक्षियों के दृश्य आपको कभी ना भूलने वाली ताज़ी यादों से भर देंगे.

तभी तो यह प्राचीन आइलैंड्स दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.

जिस दिन मैंने फ्लाइट ली उस समय सीधी फ्लाइट्स की दिक्कत थी, तो मैंने अंडमान ट्रिप की यात्रा में बेंगलुरु को शामिल कर लिया.

अलग-अलग शहरों से कई दोस्तो ने बेंगलुरु में इकठ्ठा होकर, हमने वहीं से सीढ़ी उड़ान भरी. दिल्ली से अगर आप नॉन-स्टॉप फ्लाइट लेंगे तो राजधानी पोर्ट ब्लेयर पहुंचने में करीबन पांच घंटे लगेंगे.

यदि अंडमान में अपनी ही स्कूटी या बाइक चलानी हो तो पहले ही शिपिंग टाइमिंग के बारे में पता कर लें. हमने वहां जा कर बाइक भाड़े पर ली थी. एक तरह से तो पोर्ट ब्लेयर में लैंड करने से पहले ही हम सभी इस जगह के दीवाने हुए जा रहे थे. प्लेन की खिड़की से समुद्र का नीला पानी और उस पर गहरे हरे हरे गुच्छे एक अलग ही ताजगी का अहसास भर रहे थे.

वहां पहुंचकर हमने एक साधारण सा होटल लिया, और आने वाले तीन-चार दिन वहीं ठहरे. कुछ मित्र जो शुरुआत में एक रिजॉर्ट में रहने की योजना बना रहे थे, कुछ ही समय में महसूस करने लगे कि इतनी मनमोहक जगह में, जहां बीच, झरने, वन-उपवन प्राकृतिक रूप से ही मौजूद हों, वहां कृत्रिम रूप से निर्मित जगह जाकर क्यों ठहरें तथा पैसे और वक्त दोनों ही क्यों बर्बाद करें.

अंडमान में सफेद रेत वाले बीच, पक्षियों की चहचहाहट, हल्का नीला पानी और मंद हवा जैसे हमारा ही इंतज़ार कर रही थीं. यह जगह विश्व के कुछ अंतिम बचे वर्जिन रेन फॉरेस्ट्स में से एक है, जहां 280 से अधिक पक्षियों की प्रजातियां एवं उपप्रजातियां पाई जाती हैं. यहां लगभग 95 वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, नौ नेशनल पार्क और एक बायोस्फेयर रिजर्व है. यदि इनमें से कहीं भी जाने का अवसर आपको ना मिले, तो भी इधर उधर कूदते खरगोश और रेगते सांप आपका दिल तो बहला ही देंगे.

प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ, अंडमान द्वीप दक्षिण एशिया में सबसे अच्छे स्कूबा डाइविंग और स्नॉर्कलिंग के अवसर प्रदान करते हैं. सी वॉक, हेलमेट डाइविंग, जेट स्कीइंग, स्नौर्केलिंग, गेम फिशिंग, सर्फिंग, कोरल सफारी जैसे रोमांचक अनुभवों के लिए पोर्ट ब्लेयर, हैवलॉक और नील आइलैंड जा सकते हैं.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह रोंगटे खड़े कर देने वाले इतिहास के भी शांत गवाह हैं. कुछ खास मशहूर स्मारकों के साथ-साथ, हर जगह का आर्किटेक्चर मनमोहक है. इनमे से कईयों पर लताओं का झुरमुट है तो कुछ स्मारक सरंक्षित किया गया है तो कुछ बेजान और खाली हैं.

काला पानी जेल सेल्यूलर जेल के नाम से ज्यादा मशहूर है. वहां गए बिना आपका ट्रिप कुछ अधूरी सी रह जाएगी. यहां की एंट्री फीस मात्र 30 रूपये है. यहां आज भी एक अलग ही स्तर पर आप अलग थलग होने का प्रभाव महसूस करते हैं. यहां स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े लाईट एंड साउंड शो भी प्रस्तुत किए जाते हैं जब आप इतिहास से जुड़े दिल दहला देने वाले दृश्य देखकर किसी अलग ही दुनिया में जाने का अनुभव प्राप्त कर सकते हैं जिसका टिकट 50 रूपये है.

इतिहास में दिलचस्पी हो तो रौस आइलैंड, वाइपर आइलैंड, चाथम आइलैंड और सेल्युलर जेल आपकी टॉप प्रायोरिटी लिस्ट पर ज़रूर होना चाहिए. इसके अलावा आपको अनेक मेमोरियल भी देखने का अवसर मिलेगा.

यदि आप क्रूज एन्जॉय करना चाहें तो शुक्रवार से सोमवार तक जंगलीघात जेट्टी से शाम पांच एवं सात बजे की क्रूज ले सकते हैं. बच्चों के लिए टिकट 350 रूपये है, और बड़ों के लिए 500 रूपये.

पोर्ट ब्लेयर में एवं उसके आस पास घूमने वाली जगहों में ऐन्थ्रोपोलौजिकल म्यूजियम , फिशरीज़ म्यूजियम, कौर्बिंस कोव बीच, नौर्थ बे बीच, चिड़िया टापू, मुन्दपहर, वंडूर बीच और माउंट हैरियट शामिल है. जुली बाय और रेड स्किन आइलैंड में आप ग्लास बॉटम बोट राइड का लुत्फ़ उठा सकते हैं.

अंडमान की एक अनोखी बात वहां की जनसंख्या भी है. हमें तो बंगाली, तेलुगु, मलयाली एवं तमिल भाषा में बात करने वाले लोग ज्यादा मिले. कम जनसंख्या होने की वजह से, फ्लाईट में जिन पर्यटकों को हमने आस पास पाया, अंडमान में उनसे ही बार बार टकराते रहे. कुछ ही समय में हम इनके अलावा और भी कई चेहरे पहचानने लगे, और वो हमारे. लौटते वक्त समय तो हममें से कई लोग एक दूसरे के अच्छे मित्र भी बन गए.

अंडमान जाने का विचार हो तो इस बात का खास ध्यान रखें कि आप किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए भी तैयार हों, जिसके लिए हलके फुल्के कपड़े और आरामदायक जूते रखें. एक छाता, कुछ प्लास्टिक बैग, और कुछ सूखे व्यंजन ज़रूर साथ रखें.

हमारी ट्रिप के दौरान एक रात अंडमान में ऐसा भी हुआ कि हर जगह बिजली चली गई. ज्यादा रात नहीं हुई थी, पर आस पास की सारी दुकाने भी बंद हो गईं. होटल तक में खाने को कुछ नहीं था. काफी दूर पहुंचने पर एक व्यक्ति को खाना बनाते देखा, तो उनके पास गए. उन्होंने अपने परिवार के खाने में से थोड़ी सब्जी और 20-25 रोटियां हमें यूं ही दे दीं. ऐसे अनेक अवसर मिले जहां अंडमान के निवासियों के प्रेम भाव ने दिल छू लिया था, पर इस परिवार का यह भाव हमारे लिए बहुत बड़ी कृपा बन गई, जिसके लिए हम उनके हमेशा शुक्रगुजार रहेंगे.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की खासियत है इसकी अनुपम सुंदरता और चकित कर देने वाली वनस्पति और जीव-जंतु.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह गत वर्षों में अच्छी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करने में सफल हुआ है जिससे यहां का पर्यटन समृद्ध हुआ है.

यहां के समुद्री तट अपने प्राचीन विस्तार और सुनहरी रेत की वजह से मनमोहक बन गए हैं. ये सभी क्लेशों से आपके दिमाग को मुक्त और आत्मा को तरोताजा करने की ताकत रखते हैं.

यहां कई आकर्षक स्थान, सूरज को चूमते समुद्री तट, मोहक पिकनिक स्पॉट्स और कई अन्य आश्चर्य हैं, जिनसे मोहित हुए बिना आप नहीं रह सकते.

पोर्ट ब्लेयर के पास के समुद्र तटों, जैसे – कोर्बिन कोव समुद्र तट, उत्तर खाड़ी समुद्र तट, मुंडा पहाड़ समुद्र तट, वंदूर समुद्र तट, कोलिंपुर समुद्र तट आपका इंतज़ार कर रहे हैं

अंडमान में स्कूबा डाइविंग और पानी के अन्य खेलों में दिलचस्पी हो तो सिंक द्वीप, करप्शन रॉक, रुटलैंड द्वीप और दक्षिण अंडमान द्वीप जा सकते हैं

अन्य गोताखोरी स्थल जैसे फिश रॉक, बाला रीफ, हैवलॉक द्वीप भी पर्यटकों को खासा आकर्षित कर रहे हैं

कैसे पहुंचें?

अंडमान हवाई और जहाज मार्ग दोनों से पहुंचा जा सकता है. वीर सावरकर एयरपोर्ट अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में स्थित एक कमर्शियल एयरपोर्ट है. हालांकि पोर्ट ब्लेयर भारत के कई मुख्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा है, लेकिन कई बार सीढ़ी उड़ान मिलने में दिक्कत होती है. चेन्नई, विशाखापत्तनम और कोलकाता से समुद्र मार्ग से पहुंचने के लिए जहाज उपलब्ध हैं. चेन्नई से 1200 किमी की हवाई यात्रा में दो घंटे लगते हैं, जबकि पानी के जहाज से सफर 50 से 60 घंटे के बीच हो जाता है.

कब जाएं अंडमान?

अंडमान का मौसम ट्रॉपिकल यानी उष्णकटिबंधीय है, जिस वजह से वहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं. ना ही आपको ज्यादा गर्मी मिलेगी, न ज्यादा ठंड. साथ ही जनसंख्या बहुत कम होने की वजह से आप कभी भी जाएं तो ट्रैफिक का सामना करने की उम्मीद कम ही होती है. बोटिंग, स्विमिंग, स्नौर्केलिंग और साईटसीइंग के लिए बारहों महीने उत्तम हैं. नेचर लवर्स के लिए मई से दिसंबर के बीच जाना अच्छा होगा, क्योंकि इस वक्त आप वहां हरे-भरे जंगल और झरने उनके सबसे सुंदर रूप में अनुभव कर पाएंगे. वाटर स्पोर्ट्स पसंद करने वालों के लिए दिसंबर से अप्रैल के बीच का समय अंडमान जाने के लिए बेहतर हो सकता है. पक्षियों में रूचि हो तो सर्दियों का मौसम बिलकुल सटीक है.


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