एंटी-चीट सॉफ़्टवेयर से पता चलता है कि शेक्सपियर ने अज्ञात लेखकों को अपने उपन्यासों का स्रोत बनाया था.
साहित्यिक चोरी निस्संदेह एक दंडनीय अपराध है और इसलिए साहित्यिक चोरी का पता लगाने वाले सॉफ्टवेयर की एक विस्तृत विविधता अपराधियों पर निरंतर जांच करने के लिए बनाई गई है.
तकनीकी उन्नति की शुरुआत के साथ, किसी भी पेशेवर लेखक या छात्र के काम को ट्रैक करना और सृजन में प्रयुक्त स्रोतों को ढूंढना अब आसान हो गया है.
इन सॉफ्टवेयर ने निस्संदेह छात्रों द्वारा प्रकाशित और लिखे गए कार्यों पर नज़र रखने में मदद की है और इस तरह कला और साहित्य के क्षेत्र में एक सुसंवाद भी बनाया है.
इसी परिपेक्ष में हाल ही में चर्चा हुई व्यापक रूप से पढ़े जाने वाले प्रामाणिक लेखक, विलियम शेक्सपियर की.
दरअसल, शेक्सपियर प्रायः अन्य रचनात्मक लेखकों के स्रोतों का प्रयोग करते रहे, और अपने रचनात्मक कार्यों में उनके योगदान को उन्होंने स्वीकारा भी.
लेकिन छात्रों के निबंध पत्रों की जांच करने के लिए इस्तेमाल किए गए साहित्यिक चोरी पकड़ने वाले सॉफ्टवेयर ने पाया कि विलियम शेक्सपियर के नाटकों में से 20 से अधिक अंश किसी और के अप्रकाशित मैनुस्क्रिप्ट से लिए गए थे.
इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि आर्टिफीशीयल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बुद्धि और उच्च तकनीक स्रोत डिटेक्टर सॉफ्टवेयर ने शेक्सपियर को भी नहीं बक्शा है.
जब साहित्यिक चोरी का पता लगाने वाले सॉफ्टवेयर ‘डब्लू कॉपी फाइंड’ का इस्तेमाल शेक्सपियर के कार्यों पर किया गया, तो जॉर्ज नोथ द्वारा साल 1500 में लिखित अ ब्रीफ डिस्कोर्स ऑफ रिबेलियन नामक हस्तलिखित कार्य का नाम संभाविक स्रोत के रूप में सामने आया.