हाल ही में हुई गर्मी की छुट्टियों के दौरान मैंने पाया कि मिडिल स्कूल के अधिकतर बच्चों को उनके शिक्षकों ने जोनाथन स्विफ्ट द्वारा रचित गलिवर्स ट्रेवल्स (Gulliver’s Travels) पढ़ने को दिया. उनमें से कुछ को अवकाश के दौरान होम वर्क के रूप में इस किताब का सारांश और विश्लेषण भी लिखना था. पर सवाल ये है कि इतनी सारी किताबों में से चार किताबों से लैस एक किताब – ‘गलिवर्स ट्रेवल्स’ ही क्यों?
बच्चों के साहित्य में अक्सर ऐसी कहानियां, किताबें, पत्रिकाएं और कविताएं शामिल होती हैं जो बच्चे आनंद लेते हुए पढ़ सकें और साथ ही कुछ नया भी सीख सकें. गलिवर्स ट्रेवल्स (इसे गुलिवर्स ट्रेवेल्स भी पढ़ा जाता है) एक ऐसी ही कल्पनाशील कहानी है जो कि अपने स्पष्ट लेखन की वजह से एक चिल्ड्रेन्स क्लासिक बन गई है. यह पुस्तक आम तौर पर विद्यालयों में संक्षिप्त संस्करणों में दी जाती है, जिसकी भाषा और भी सरल होती है.
ग्रीष्मावकाश में बच्चों को ये पुस्तक पढ़ने के लिए देने के अनेक कारण हो सकते हैं. इसका पहला फायदा तो बच्चे के मन में पढ़ने के प्रति रूचि बढ़ाना है. साथ ही कल्पना को रचनात्मक तरीके से कैसे परोसा जाए, ये कला जोनाथन स्विफ्ट (Jonathan Swift) में भरपूर है. दूसरा, गलिवर्स ट्रेवल्स को कई फिल्मों, नाटकों एवं टेलीविजन शो में शामिल किया गया है, ताकि इस पुस्तक को पढ़ने में बच्चों की दिलचस्पी और भी ज्यादा बढ़ जाए और वे इस कहानी का अनेक माध्यमों से अनुभव कर, और गहराई में इसे समझ पाएं. परंतु, इस पुस्तक की किसी अन्य रचनात्मकता को देखने से पहले इसे पढ़ना उचित होता है ताकि आप कहानी के किसी बड़े हिस्से और स्विफ्ट के व्यंग्यपूर्ण स्वर को मिस ना कर दें.
गलिवर्स ट्रेवल्स चार भागों में बटी हुई है
- अ वॉयेज टू लिलिपुट: यहां गलिवर नामक एक नाविक एक ऐसे टापू पर पहुंच जाता है जहां उसे हजारों लिलिपुटीयंस अपना बंदी बना लेते हैं. लिलिपुटीयंस कद में भले ही बहुत ही छोटे हों, लेकिन उन्हें खुद पर स्वाभिमान है. तर्क दिया जाता है कि लिलिपुटियंस इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस कहानी को पढ़कर बच्चे सिर्फ इतिहास के पन्नों में ही ट्रेवल नहीं करते बल्कि यह भी सीख सकते हैं कि उनके सामने हजारों समस्याएं छोटी हैं और वह स्वयं ही उनसे मुकाबला कर आगे बढ़ने की क्षमता रखते हैं.
- अ वॉयेज टू ब्रोबडींगनाग: ब्रागिंगनागियंस शारीरिक रूप से गलिवर से बहुत बड़े और शक्तिशाली हैं, फिर भी वे अपनी क्षमता शक्ति का एहसास नहीं करते. छोटा सा गलिवर बड़े ब्रगिंगनागियंस को जितना करीब से देख पता है, उसे ऊंची शान वाले लोगों से उतनी ही घृणा होती जाती है.
- तीसरे भाग में गलिवर लापुटा, बल्निबारबी, लग्नाग, ग्लबडबड्रिब और जापान की यात्रा करता है, जहां के लोग बहुत बुद्धिमान होने के बावजूद, ज़िन्दगी की अन्य महत्वपूर्ण बातों को भूल कर व्यर्थ प्रयोगों में अपना कीमती समय गवाएं जा रहे हैं. इतिहास में यह स्विफ्ट के समय इंग्लैंड सरकार का प्रतिनिधित्व दर्शाता है.
- चौथे भाग अ वॉयज टू द कंट्री ऑफ द होउहनिहंम्स में इंसान न होने के बावजूद हूहेनहेंम्स एक सफल समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं जो कि सभ्य सिद्धांतों के साथ सभी हौहेनहेंम्स को लाभ देते हैं और उन सभी को एक समान मानते हैं. दूसरी ओर, इंसानरुपी याहू असभ्य, लालची और हिंसक हैं. किताब का यह अंक बच्चों को एक बहुत ही सरल रूप में आज के समाज का प्रतिविंब दिखाता है और उन्हें सोचने पर मजबूर करता है कि इन सभी किरदारों में से अपने असल जीवन में वो किसकी भूमिका अपनाना चाहेंगे.
बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए ही गलिवर्स ट्रेवल्स एक उत्तम नोवल है जिसमें हर उम्र के व्यक्ति के लिए कुछ न कुछ जरूर छिपा है. इसे पढ़ने के बाद बच्चे जीवन में आने वाली अनेक व्यक्तिगत एवं सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को आश्वस्त ज़रूर पाएंगे. तो आप कब पढ़ रहे हैं, गलिवर्स ट्रेवल्स?