जॉनसन एंड जॉनसन के पाउडर से कैंसर होने का मामला सामने आया है जिसमें अदालत ने कंपनी पर 26.72 अरब रुपए का जुर्माना लगाया.
बेबी प्रोडक्ट्स की विख्यात कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन को हाल ही में कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका, की न्यायपीठ ने इवा इकेवेरिया नामक एक महिला को, एक मुक़दमे के चलते 417 मिलियन डॉलर यानी 26.72 अरब रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया.
महिला का दावा है कि जॉनसन एंड जॉनसन को कैंसर के खतरे के बारे में पता था लेकिन कंपनी ने जनता से यह जानकारी छुपाई
महिला ने आरोप लगाया था कि कंपनी के टैल्कम पाउडर से उसे गर्भाशय का कैंसर हुआ. कंपनी ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करगी.
इस महिला ने दावा किया था कि जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी के पाउडर के इस्तेमाल से उन्हें टर्मिनल ओवेरियन कैंसर विकसित हो गया. जॉनसन एंड जॉनसन के खिलाफ लगे हज़ारों मुकदमों में से इस मामले में आया यह निर्णय महत्वपूर्ण है.
सर्वविदित है कि यह कंपनी लाखों घरों की पसंद है, इतनी कि बड़े लोग भी इस पाउडर को लगाते हैं. जॉनसन एंड जॉनसन भी अपने उत्पादों को विज्ञान के आधार पर सुरक्षित बताता है. अब सवाल यह उठता है कि इसके उत्पाद वाकई कितने विश्वसनीय हैं.
अगर आपको लगता है कि जॉनसन एंड जॉनसन पाउडर किसी भी तरह से बच्चे को नुकसान पहुंचा रहा है या कोई उनके बच्चे में खराब लक्षण दिख रहा है तो फौरन ही इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए
कैंसर काउंसिल ऑक्यूपेशनल एंड एनवायर्नमेंटल कैंसर रिस्क के अध्यक्ष टेरी स्लेविन का कहना है कि इन सबका मतलब यह नहीं कि लोग जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पादों का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
अगर माता-पिता को लगता है कि इससे उनके शिशु या बच्चों को फ़ायदा मिल रहा है तो उपयोग करने में कोई बुराई नहीं है. स्लेविन की मानें तो ऐसे मामलों में माता-पिता का विचार ज्यादा महत्वपूर्ण है.
यह पहला मौका नहीं है जब कंपनी को ऐसे कारणों से निशाना बनाया गया है. इससे पहले भी कंपनी के ‘नो मोर टीयर्स’ शैंपू पर रोक लगाने की पहल की गई थी.
इस बीच ऑस्ट्रेलियन कैंसर काउंसिल ने कहा है कि अभी भी इस बात की पुष्टि नहीं है कि ऐसे पाउडर का इस्तेमाल बाहरी त्वचा पर करने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. पर कंपनी के खिलाफ इतने मामलों के बाद इस पर पूरी तरह से भरोसा करने से बेहतर है अपनी सहज प्रवत्ति का इस्तेमाल करना.