जियो का विज्ञापन लोकतांत्रिक प्रमुख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही नहीं, देश की पहचान महात्मा गांधी, गुरूदेव रवींद्रनाथ टैगोर और स्वामी विवेकानंद भी कर रहे हैं.
रिलायंस जियो की वेबसाइट पर जो विज्ञापन आ रहा है उसमें तीनों महान शख्सियत की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है.
आपको याद हो न हो, अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा की एक तस्वीर जिसमें उन्होंने एक जैकेट पहना था. उस तस्वीर का इस्तेमाल एक जैकेट बनाने वाली कंपनी वेदरप्रुफ ने अपने प्रचार में चालाकी से कर लिया.
बाजाब्ते टाइम्स स्क्वायर पर एक बड़ा सा बिलबोर्ड टंग गया जिसमें ओबामा वेदरप्रूफ जैकेट का प्रचार करते दिख रहे थे.
कंपनी की वेबसाइट पर उस जैकेट की ब्रांडिंग द ओबामा जैकेट के रुप में की गई थी. व्हाइट हाउस को जब इसकी जानकारी हुई तो जैकेट बनाने वाली कंपनी पर कानूनी कार्रवाई हुई और कंपनी को ओबामा का विज्ञापन हटाना पड़ा.
रिलांयस जियो के विज्ञापन में अभी प्रधानमंत्री की तस्वीर का उपयोग किया गया. क्या इसके लिए उनसे इजाजत ली गई?
ऐसा ही एक वाकया मेल टूडे अखबार के विज्ञापन से भी जुड़ा है, जब मेल टूडे ने देश के चोटी के राजनीतिज्ञों की तस्वीरों को बारी-बारी से इस्तेमाल कर दिल्ली में जगह-जगह बिलबोर्ड लगाए थे.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था. तब राहुल गांधी ने कानूनी नोटिस भेजकर विज्ञापन हटवाए थे.
बहरहाल, पूरा भारत ही रिलायंस जियो का विज्ञापन कर रहा है. कहते हैं न, जब कोई बड़ा हाथी चलता है तो उसके पीछे सभी छोटे-छोटे जानवर, प्यादे चलने लगते हैं.
अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर या प्रियंका चोपड़ा सभी जियो के समर्थन में ट्विट कर रहे हैं. यह बात जायज लगती है क्योंकि इनका पेशा है विज्ञापन करना.
मगर भारत क्या बोलेगा जब राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख विज्ञापन करें! मेर देश बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है.