आज फिर जीने की तमन्ना है (Aaj Phir Jeeney Ki Tamanna Hai) सीरीज के इस पॉडकास्ट (podcast) में सुनें कि कैसे हृषिकेश मुख़र्जी (Hrishikesh Mukherjee) ने ‘मुसाफ़िर’ फ़िल्म (Hindi film Musafir) से अपना डायरेक्शन का करियर शुरू किया.
मज़ेदार, दिलचस्प और दिल को छूने वाले सच्चे किस्से सिर्फ भारत बोलेगा पर सुनें और सुनाएं.
महामारी कोरोना (Corona) ने लोगों को – ख़ासकर आम लोगों को, मजदूरों को – शहर बदलने को मजबूर किया है, सड़कों पर पैदल ही लंबा सफ़र तय करने को मजबूर किया है.
लेकिन, यह तो हुई त्रासदी की बात. अमूमन हम-आप नौकरी-पेशा-शौक-शिफ्टिंग-रिटायरमेंट की वजह से घर औ गांव-शहर बदलते रहते हैं.
कभी होटल तो कभी किराए के मकान में रहते हैं. तो, हम कौन हैं?
यह पॉडकास्ट आज फिर जीने की तमन्ना है सीरीज की दसवीं कड़ी है. पॉडकास्ट में आपको लगातार एक-के-बाद-एक क़िस्सा सुना रहे हैं बबलू दिनेश शैलेंद्र (Bablou Dinesh Shailendra).
फ़िल्म डायरेक्टर होने के नाते फ़िल्मी कहानी सुनाने का बबलू दिनेश शैलेन्द्र का अनोखा अंदाज़ है.
सुनें और सुनाएं भारत बोलेगा पॉडकास्ट, जहां आपको जानकारी भी मिलती है और समझदारी भी.
दुनिया एक सराय रे, मुसाफिर …