भारत बोलेगा

तो क्या महान किशोर कुमार गाना भी लिखते थे

खुद तय करें आपको कैसी ब्रांडिंग चाहिए
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आज फिर जीने की तमन्ना है (Aaj Phir Jeene Ki Tamanna Hai) सीरीज के इस पॉडकास्ट (podcast) में आप सुनेंगे किशोर कुमार (Kishore Kumar) की फ़िल्म दूर गगन की छांव में (Door Gagan Ki Chhaon Mein) का एक ज़बरदस्त क़िस्सा.

गानों की रिकॉर्डिंग के दौरान किशोर दा ने कुछ ऐसा किया कि गीतकार शैलेन्द्र (Shailendra) को उन्हें फोन करना पड़ा, और किशोर दा को जवाब देना पड़ा.

http://bharatbolega.com/wp-content/uploads/2020/05/Aa-chal-ke-tujhe-song-podcast-on-Bharat-Bolega-website.mp3

यह पॉडकास्ट आज फिर जीने की तमन्ना है सीरीज की छठी कड़ी है. पॉडकास्ट में आपको लगातार एक-के-बाद-एक क़िस्सा सुना रहे हैं बबलू दिनेश शैलेंद्र.

फ़िल्म डायरेक्टर होने के नाते फ़िल्मी कहानी सुनाने का इनका अनोखा अंदाज़ है. सुनें और सुनाएं भारत बोलेगा पॉडकास्ट, जहां आपको जानकारी भी मिलती है और समझदारी भी.

आज फिर जीने की तमन्ना है सीरीज के सभी पॉडकास्ट सुनने के लिए यहां क्लिक करें

इस पॉडकास्ट को सुनने के बाद अगर आपको दूर गगन की छांव में फ़िल्म के इस गाने को गुनगुनाने का मन करे तो ये रहा आ, चल के तुझे, मैं ले के चलूं पूरा गाना (Aa chal ke tujhe main le ke chaloon song lyrics from Bollywood film Door Gagan Ki Chhaon Mein).

आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं
एक ऐसे गगन के तले
जहां ग़म भी न हो, आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं
एक ऐसे गगन के तले
जहां ग़म भी न हो, आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले  
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे
सूरज की पहली किरण से, आशा का सवेरा जागे  
चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे
चंदा की किरण से धुल कर, घनघोर अंधेरा भागे
कभी धूप खिले, कभी छांव मिले
लंबी सी डगर न खले
जहां ग़म भी न हो, आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले
जहां दूर नज़र दौड़ाएं, आज़ाद गगन लहराए
जहां दूर नज़र दौड़ाएं, आज़ाद गगन लहराए
जहां रंग बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएं
जहां रंग बिरंगे पंछी, आशा का संदेसा लाएं  
सपनों में पली, हंसती हो कली
जहां शाम सुहानी ढले
जहां ग़म भी न हो, आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले  
सपनों के ऐसे जहां में, जहां प्यार ही प्यार खिला हो
हम जा के वहां खो जाएं, शिकवा न कोई गिला हो
कहीं बैर न हो, कोई गैर न हो
सब मिलके यूं चलते चलें
जहां ग़म भी न हो, आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
आ चल के तुझे, मैं ले के चलूं
एक ऐसे गगन के तले
जहां ग़म भी न हो, आंसू भी न हो
बस प्यार ही प्यार पले
एक ऐसे गगन के तले  एक ऐसे गगन के तले  एक ऐसे गगन के तले


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी
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