बॉब डिलन के गीतों ने पूरी दुनिया में इतनी लोकप्रियता बटोरी कि साल 2016 का साहित्य नोबेल पुरस्कार इस गीतकार-गायक को ही मिल गया. इनके गीतों को भारत में भी बेहद पसंद किया जाता है, इतना कि इनकी धुनों पर भारतीय संगीत का दिल धड़कता है.
कह सकते हैं कि बॉब डिलन ने भारत में अब तक कदम नहीं रखा है मगर जन जन तक पहुंचा है उनका संगीत. अब तो डिलन पहले गीतकार बने हैं जिन्हें उनके गीतों के लिए नोबेल दिया गया है.
कवियों को तो उनके गीतों के लिए नोबेल पुरस्कार पहले भी दिए जा चुके हैं.
50 साल से अधिक के अपने करियर में बॉब डिलन ने खुद कभी एशिया महाद्वीप की जमीं पर कदम नहीं रखा है, इसके बावजूद भारत के संगीत का दिल उनकी धुन पर थिरकता है. इनकी धुन आपको हिन्दी और बांग्ला गानों के धुनों में घुलती खूब मिल जाएगी.
बॉब डिलन के सबसे लोकप्रिय गीतों में मिस्टर टैंबूरिन मैन से लेकर लाइक ए रोलिंग स्टोन, ब्लोइंग इन द विंड और द टाइम्स दे आर चेजिंग शामिल हैं. साठ के दशक में अपने गिटार और माउथऑर्गन के साथ संगीत की दुनिया में आए बॉब डिलन को लोकगीतों का रॉक स्टार भी कहा जाता है.
बॉब डिलन मतलब अमेरिकी संगीत इतिहास का एक बहुत बड़ा सितारा. 1960 का वो जमाना था जब अमेरिका के क्रांतिकारियों के दिल में इनका गीत ‘द टाइम्स दे आर चेजिंग’ ही जोश और तूफान भरता था. विरोध का राष्ट्रीय धुन हो गया था डिलन का गीत.
वह जमाना अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलन का था और युद्ध के खिलाफ देश की युवा पीढ़ी इसी गीत से आवाज बुलंद करती थी. किसी ने सच कहा है बॉब डिलन अमेरिका में अपने पीढ़ी के प्रवक्ता थे.
बॉब डिलन के प्रति जुनूनी हैं भारतीय संगीतकार
यह अचरज की बात है कि अपने समकालीन गायकों और गीतकारों की तरह डिलन कभी भारत नहीं आए, ना ही उन्होंने कभी हरिद्वार-ऋषिकेश का तीर्थ किया, न कोई उनके भारतीय आध्यात्मिक गुरू हैं और ना ही बॉलीवुड के गीतों पर इनका कोई प्रभाव है.
बावजूद इसके कई भारतीय संगीतकार बॉब डिलन को जीते हैं औऱ उनका संगीत इनके संगीत से धड़कता है. इनके कई ऐसे भारतीय फैन्स हैं जो जुनून के हद तक को पार कर जाते हैं.