क्यों खास है ‘द ग्रेट गैट्सबी’

The-Great-Gatsby

एफ. स्कॉट फिट्जगेरल्ड की पहचान एक बेहद प्रतिभावान अमेरिकी लेखक के रूप में है, जिनके द्वारा रचित उपन्यास द ग्रेट गैट्सबी 10 अप्रैल 1925  को प्रकाशित हुआ था. उन्हें मुख्यतः इसी उपन्यास के रचयिता के तौर पर जाना जाता है.

इस उपन्यास का मुख्य विषय ‘अमेरिकन ड्रीम’ था जिसमें उन्होंने कई पहलुओं को छुआ जैसे कि अमेरिकी समाज, दृष्टिकोण, प्रेम, असंतोष, अलगाव, धन –दौलत व  शिक्षा.

यह उपन्यास फिट्जगेरल्ड की दूरदर्शिता का प्रमाण है. उन्होंने उस समय के समाज और उभरती सोच के साथ-साथ भविष्य में होने वाले बदलाव को ध्यान में रखते हुए इस उपन्यास की रचना की. यही वजह है कि द ग्रेट गैट्सबी में सिर्फ अमेरिकी ही नहीं  बल्कि संपूर्ण विश्व की जन-चेतना का भाव समाहित है.

यह दिलचस्प है कि हिन्दी फिल्मों के महानायक अमिताभ बच्चन ने इसी किताब पर बनी अंग्रेजी फिल्म से हॉलीवुड में पहला कदम रखा. ऑस्ट्रेलियाई निर्देशक बैज़ लर्मन की फ़िल्म द ग्रेट गैट्सबी 2013 में रिलीज़ हुई थी जिसमें अमिताभ दो मिनट के एक बेहद नन्हे रोल में दिखे थे.

अमिताभ ने फिल्म में एक यहूदी (ज्यूइश) गैंगस्टर का किरदार गढ़ा. द ग्रेट गैट्सबी फिल्म में लियोनार्डो डी कैप्रियो और टोबी मैक्ग्वायर ने मुख्य भूमिका निभाई.

बुक्स आर अवर बेस्ट फ्रेंड

एक कहावत है कि ‘बुक्स आर अवर बेस्ट फ्रेंड’. ये मौजूदा दौर में बहुत सटीक है क्योंकि आज कहां किसी के पास किसी के लिए वक्त है, फिर चाहे वो फ्रेंड हो या फैमिली. लेकिन किताबें वो साथी हैं जो न सिर्फ हमेशा साथ रहती हैं बल्कि जब मन में कोई उलझन हो या कुछ समझ नहीं आए तब वे हमें प्रेरणा देती हैं, हमारा मार्गदर्शन करती हैं.


1925 में प्रकाशित द ग्रेट गैट्सबी के लेखक हैं स्कॉट फिट्जगेरल्ड. एक फिक्शनल टाउन वेस्ट एग में क्रिएट की गई ये स्कॉट फिट्जगेरल्ड की सबसे उम्दा किताबों में से एक है. जब ये पहली बार पब्लिश हुई तो इसे उतना महत्व नहीं दिया गया लेकिन 1940 में विश्व युद्द की समाप्ति के बाद ये अचानक लोगों के दिल में समा गई. इसे अमेरिकन हाई स्कूल करिकुलम में भी जगह मिली.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी