ए भइया, पंचायत देखे हैं का

अंदर से मन अच्छा नहीं लग रहा है तो पंचायत (Panchayat) देखिये. यह वेब सीरीज़ अमेजॉन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) पर देखी जा सकती है. इसका तीसरा सीजन (Panchayat Season 3) कुछ दिन पहले ही आया है.

पंचायत का पहला भाग 2020 में आया तो इसके डायलाग पर रील्स और मीम्स (reels and memes) बनने लगे. दूसरे भाग ने भी कमाल की शोहरत बटोरी.

अगर आपने पहले के दो सीजन नहीं देखे हैं तो आपको सीधे तीसरा सीजन देखने से परहेज करना चाहिए. पंचायत के पहले सीजन के पहले एपिसोड को अगर आपने देख लिया तो बिंज वाच की गारंटी है. इस वेब सीरीज़ में माहौल ही ऐसा है जो आपको एकदम बांधकर रखेगा.

वेब सीरीज़ के हर एपिसोड के संवाद चुन-चुनकर एकदम सटीक कलाकारों पर ऐसे बैठाए गए हैं कि वे बिलकुल जिन्दा लगते हैं. ग्रामीण भारत (rural India) में फिल्माए गए पंचायत का यह डायलाग देखिए – “सोना देके कोई ईट पत्थर ख़रीदता है का अम्मा?”

मतलब, सीधा कलेजे में उतर जाने वाली बातें. फिर क्यों न कोई उन्हें पसंद करे? और अभिनय ऐसा कि आप कलाकारों को उनके स्क्रीन नाम से पहचानने-बुलाने लगें. देखिए न, कैसे-कैसे किरदार गढ़े गए हैं पंचायत में – प्रधान जी, सचिव जी, विकास, प्रह्लाद चा, बिनोद, भूषण, बम बहादुर, रिंकी, मंजू देवी.

Review of Panchayat Season 3

इसे कॉमेडी कह लें या राजनीतिक ड्रामा, ग्राम पंचायत (village panchayat) के सरोकार में डूबी इस वेब सीरीज़ में सस्पेंस है तो ईर्ष्या भी. प्यार-मोहब्बत की छौंक है तो चुपके से ‘हाय’ कहकर खेत में बुलाई गई बियर पार्टी भी. पंचायत में आपको भूतहा पेड़ दिखेगा तो सोलर लाइट और सीसीटीवी भी. खैनी बनाते-खाते ग्रामवासी मिलेंगे तो एमबीए की तैयारी करते नौजवान भी. विधायक की रंगबाज़ी दिखेगी तो सैनिक की शहादत भी. यह वेब सीरीज कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की एक अच्छी दास्तान कहती है.

पंचायत वेब सीरीज की हर जगह चर्चा क्यों हो रही है?

हिंदी में निर्मित इस वेब सीरीज को द वायरल फीवर (TVF) ने बनाया है. इंटरनेट और वेब की दुनिया में जहां शहरी वातावरण का बोलबाला रहता है, वहीं पंचायत वेब सीरीज़ में आप एक गांव में घुमते फिरते रहते हैं. किसी तरह का तड़का या बनावटी सेट भी इसमें आपको नहीं दिखेगा. आपको एक ताज़ा कहानी देखने के लिए मिलेगी जहां हमारे देश के गांव की हवा बहती है.

पंचायत वेब सीरीज में मुख्य कलाकार कौन हैं?

इसके मुख्य कलाकारों के विषय में आपको हम यहां नहीं बता रहे क्योंकि इसके लिए आपको पंचायत देखनी पड़ेगी. हां, इतना ज़रूर लाजमी है कि आप जानें कि इसके लेखक (writer) चंदन कुमार हैं और निर्देशक (Director of Panchayat) दीपक कुमार मिश्रा (Deepak Kumar Mishra). बेहतरीन संगीत देने वाले अनुराग सैकिया का ज़िक्र भी बनता है. काबिले तारीफ़ तो अनुभव सिंह की वाइड एंगल सिनेमाटोग्राफी भी है और अमित कुलकर्णी की एडिटिंग भी. इन सभी का योगदान गज़ब का है. दर्शक के रूप में आप कहीं सोच में न पड़ जाएं कि इस टीम ने कैसे एक गांव में इतना शानदार कंटेंट तैयार किया – कभी स्वतः, कभी वास्तविक, तो कभी डैमेज कंट्रोल मोड में.

पंचायत वेब सीरीज की कहानी क्या है?

यह कहानी शुरू होती है एक युवा से जो बेहतर नौकरी की तलाश में है. वह पहुंच जाता है एक गांव जहां वह कामचलाऊ सरकारी नौकरी करता है. कहानी उत्तर प्रदेश के बलिया जिला के फुलेरा गांव की बताई गई है. पास में ही फकुली बाज़ार है जहां रोजमर्रा की चीजों के लिए गांववासी जाते रहते हैं. ध्यान रहे कि पंचायत वेब सीरीज़ में तंबाकू, मादक द्रव्य, अभद्र भाषा, हिंसा के छींटे भी मिलेंगे.


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