बाजरा एक ऐसा अनाज है जिसमें लोहा, कैल्सियम, जस्ता, मैग्निसियम, पोटाशियम, फाइबर और कई तरह के विटामिन (कैरोटिन, नियासिन, विटामिन बी6 और फोलिक एसिड) होते है. इसलिए यह हमारे लिए बहुत उपयोगी और लाभदायी है.
बाजरा ऐसी मिट्टी में भी उग सकता है जो कम उपजाऊ और कम नमी वाली हो. इसकी फसल मात्र 65 दिनों में तैयार हो जाती है. यह आसानी से हजम भी हो जाता है.
बाजरा उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो पेट और मधुमेह की बीमारियों से पीड़ित रहते हैं. कुपोषण से लड़ने में भी बाजरा का इस्तेमाल बखूबी किया जा सकता है. बाजरे में हाइड्रोकैमिकल्स तथा ऐन्टीऑक्सिडैन्टस् प्रचुर मात्रा मे मिलते हैं.
जरूरत है कि हम बाजरे की खेती को समर्थन दें और इसके लिए ऋण और बीमा की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाएं. दालों के साथ इस्तेमाल करके बाजरे से पोषक भोजन तैयार किया जा सकता है, जैसे- चपातियां, ब्रेड, लड्डू, पास्ता, बिस्कुट.
बाजरे की विशेषता है सूखा प्रभावित क्षेत्र में भी उग जाना, तथा ऊंचा तापक्रम झेल जाना. यह अम्लीयता को भी झेल जाता है. यही कारण है कि यह उन क्षेत्रों में उगाया जाता है जहां मक्का या गेहूं नहीं उगाए जा सकते.
विशेषज्ञ कहते हैं की गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना है. बाजरे की रोटी सेहत के लिए बहुत लाभदायक है.
किसी कृषि वैज्ञानिक या डॉक्टर से सलाह लें कि बाजरा आपके स्वास्थ्य के लिए कितना उपयोगी है. फिर, बाजरा खाने के फायदों को जानकर आप खुद को बाजरा खाने से नहीं रोक पाएंगे.