गर्मी दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है.
सुबह घर से निकलते ही लोग पसीने से बेहाल हो जाते हैं और पूरा दिन गर्मी से बेहाल होकर ही जाता है.
गर्मी में सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को उठानी पड़ती है जो खेतों में काम करते हैं, सूरज की तपती धूप में इमारतों का मैला ढ़ोते हैं और पसीना झाड़ते हुए रिक्शा पर बोझा खीचते हैं.
यह तो पीड़ा हम सिर्फ बयां कर सकते हैं, लेकिन महसूस तो वही करते हैं जिन पर बीती होती है.
गर्मी का कोई हल तो नहीं है लेकिन इससे लड़ना हमारा काम है.
क्या आपने कभी देखा है कि जो लोग हमेशा एयर-कंडीशन में रहते हैं और जैसे ही इससे बाहर आते हैं वे गर्मी बर्दाशत कर ही नहीं सकते. उनका गुस्सा भी सातवें आसमान पर होता है और इस कारण जब सब उल्टा-पुल्टा हो जाता है तो वे जिम्मेदार ठहराते हैं गर्मी को.
लेकिन क्या गर्मीं में तड़प रहे लोगों को भी गुस्सा करते देखा है? नहीं. क्योंकि वे लोग गर्मी से लड़ना जानते है.
अगर आप गर्मी को मात देना चाहते हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें – जैसे खूब पानी पीएं, पानी वाले फल खाएं, हरी सब्जियां लें, सूती कपड़े पहनें और सबसे जरूरी है – खूब खुश रहें.
जरुरतमंद लोगों की मदद करें. इससे बहुत ख़ुशी मिलेगी. आप इन सभी बातों को अमल में लाने की कोशिश करें. फिर देखें कैसे गर्मी छू हो जाती है.
आपने देखा होगा कि जो धूप में लगातार काम करते रहते हैं उन्हें गर्मी का एहसास नहीं होता और उनके चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान होती है. वे गर्मी से लड़ना जानते हैं.
गर्मी को देख गर्मी-गर्मी न करें. इसे अपना दुश्मन नहीं दोस्त समझें. तभी इससे निजात मिल सकेगा.
बताया जाता है कि कुछ प्राणायाम भी ऐसे है जो गर्मी में ठंडक पहुंचाते हैं. उनसे मन को शांति और शारीरिक शीतलता प्राप्त होती है. अगर ऐसे प्रणायाम हैं तो आप हमें बताएं ताकि उनके छायादार वृक्ष को पाठकों तक पहुंचाया जा सके.
और हां… जलजीरा, कच्चे आम का पना व रस, प्याज, मट्ठा व दही के बारे में क्या ख्याल है?