माइग्रेन (migraine) एक अवस्था है जिसमें व्यक्ति बारंबार सर दर्द (headache) से परेशान रहता है. कई मामलों में लंबे समय तक तेज़ दर्द (pain) बना रहता है, ऐसा कि जैसे सर फटा जा रहा हो. दर्द बहुत ज़ोरों का और बर्दाश्त के बाहर भी होता है.
माइग्रेन का स्थायी इलाज संभव: डा. मारूफ़
माइग्रेन के लक्षण
पीड़ित व्यक्ति को मस्तिष्क के एक तरफ तेज दर्द होता है. साथ ही चक्कर आना, उल्टियां होना, आंखों से कम दिखना जैसे लक्षण दिखते हैं.
माइग्रेन के दौरान रौशनी एवं आवाज़ के प्रति संवेदनशीलता भी अत्यधिक बढ़ जाती है.
माइग्रेन के दर्द शुरू होने से पहले उसका पता चल जाता है. व्यक्ति के दिमागी मिजाज़ और पाचन में बदलाव होने लगते हैं. प्यास भी ज्यादा लगती है.
क्यों होता है माइग्रेन
आनुवंशिक प्रवृतियां, नींद की कमी, ज्यादा समय तक भूखे रहना, चिंता, तनाव, कोई दवा विशेष या माहवारी की शुरुआत माइग्रेन के कारण और ट्रिगर फैक्टर्स हो सकते हैं.
कैसे रखें अपना ख्याल
ट्रिगर फैक्टर्स जिसकी जानकारी हो उनसे दूर रहें, जैसे कि कोई खाद्य पदार्थ, कोई आदत या तनाव. कोई गर्भनिरोधक दवाई जिससे सर में दर्द बढ़ता हो, उसे लेना बंद कर दें.
क्या ना खाएं
- पनीर, सोया, भुनी हुई मछली, वाइन व शराब
- कैफीन जो कॉफ़ी, चॉकलेट, चाय, कोला या अन्य सोडे में होती है
- नाइट्रेट से बने खान प्रदार्थ जैसे कि पेपरौनी, हॉट डॉग और मीट
- ब्रेड या अन्य बेक की गईं चीज़ें
- सूखे फल
- आलू के चिप्स
- पिज़्ज़ा, मूंगफली व मुर्गे की कलेजी
माइग्रेन और होम्योपैथी
एडवांस्ड होम्योपैथी क्लिनिक, इलाहाबाद (Prayagraj) के डॉ. मारूफ़ सिद्दीकी (Dr. Maroof Siddiqui) कहते हैं कि मेडिकल साइंस में माइग्रेन को मनोदैहिक बीमारी समझा जाता है.
मनोदैहिक का मतलब है मन (मनो) और शरीर (देह) के बीच परस्पर क्रिया जो माइग्रेन में किसी मानसिक कारण जैसे कि गुस्सा, तनाव या दुःख से बिगड़ जाती है.
डा. मारूफ़ का कहना है कि होम्योपैथिक दवाइयां इन मानसिक कारणों के असर को कम करती हैं और पीड़ित के ‘मन’ को ‘हील’ करती हैं.
डॉ. मारूफ़ के अनुसार होम्योपैथिक इलाज़ बीमारी और उसके लक्षणों को जड़ से ठीक करता है. “अन्य उपचारों के मुकाबले होम्योपैथी माइग्रेन का स्थायी रूप से इलाज़ करने में सक्षम है.”