भारत, ब्रिटेन, स्पेन, इटली, ईरान, चीन और अमरीका समेत कोरोना वायरस (कोविड 19) दुनिया भर में फैल गया है. इस वायरस की चपेट में आने से 20 हज़ार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. भारत में कोविड 19 के 500 से अधिक मामले पाए गए हैं जिनमें 10 की मौत हुई है.
समय पर इलाज होने से कोरोना प्रभावित लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं. कोरोना वायरस और न फैले, इसके लिए पूरे भारत में 21 दिनों का लॉकडाउन जारी है, जिसका एलान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च को रात आठ बजे किया. 22 मार्च को मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू की अपील भी की गई थी जब लोगों से आग्रह किया गया था कि वे सुबह से देर शाम तक घर से बाहर ना निकलें.
कोरोना वायरस को फैलने से रोकें
कोरोना वायरस से बचने के लिए यह सलाह दी जाती है कि लोग नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से 20 सेकंड तक अच्छे से धोएं. जब कोई व्यक्ति खांसता है या छींकता है तो बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. अगर उन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु हुए तो यह वायरस फ़ैल सकता है. संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर सांस के रास्ते वायरस अन्य किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है.
अगर कोई व्यक्ति ऐसी जगह को छूता है जहां वायरस के लक्षण हों तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए हाथ से नाक, मुंह, आंख छूने से मना किया जा रहा है. आपको चाहिए कि खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूएं और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें. ध्यान रहे फेस मास्क कोई प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते.
कोरोनो वायरस से घबराए नहीं
चूंकि कोरोना वायरस इंसानों के फेफड़ों में संक्रमण करता है इसलिए बुख़ार, फिर सूखी खांसी और फिर सांस लेने में तकलीफ की शिकायत होती है. जरूरी नहीं कि इस वायरस के लक्षण तुरंत ही देखने को मिल जाएं. इस वायरस से संक्रमित होने की खतरे की स्थिति में घबराए नहीं बल्कि चिकित्सक की सलाह लें, जैसा किसी अन्य बीमारी में आप करते हैं. संक्रमण होने पर मृत्यु की दर भयावह नहीं है. यह केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.
कोरोना वायरस का खतरा बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों में ज्यादा हो सकता है क्योंकि रोगों से लड़ने की क्षमता उनमें कम होती है. चिकत्सकों की कोशिश होती है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ को सबसे पहले सांस लेने में मदद की जाए और उसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि रोगी वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए. कोरोना वायरस से बचने के लिए ना कोई टीका आया है और न ही इसके बचाव के लिए कोई दवाई बताई गई है.
अगर आपको लगता है कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं तो आप खुद से डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें. सरकार और स्वास्थ्य कर्मचारी पूरी कोशिश करेंगे कि आपको अविलंब सहायता दी जाए. डरने की बिलकुल ज़रुरत नहीं है.
अगर आप विदेश यात्रा कर के लौटे हैं तो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग रखें. ज्ञात हो कि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान अति आवश्यक कामों के अलावा घर से बाहर जाने की इजाज़त नहीं है.