भारत बोलेगा

अभिनन्दन का साहस

विंग कमांडर अभिनन्दन को जब पाकिस्तान के हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के लिए कहा गया, तब वे बिलकुल नहीं जानते थे कि हवा में उन्हें कैसा खेल खेलना होगा. उन्हें ज़रा भी इल्म नहीं था कि उनका फाइटर प्लेन आसमान में टूट भी सकता है और उन्हें एकदम से नीचे पाकिस्तानी ज़मीन पर उतरना पड़ सकता है.


कलाबाजियों से अभिनन्दन बेहतरीन पोजीशन पर पहुंच गए

उन्हें फिर सिर्फ दुश्मन की आंख दिखी, जिसे उन्होंने भेद दिया

इस जाबांज पायलट ने जो कर दिया वह एकदम असंभव ही था


लेकिन, यह भी सच है कि एक फाइटर पायलट जब अपने मिशन के लिए उड़ान भरता है तो उसे सिर्फ अपना टारगेट दिखता है. विंग कमांडर अभिनन्दन ने भी वही किया. जैसे ही उन्हें एक टारगेट दिया गया वे पाकिस्तान के एफ-16 के झुंड के पीछे पड़ गए. अभिनन्दन मिग-21 बाइसन पर सवार थे और मिसाइल से लैस थे.  

ज्ञात हो कि 27 फरवरी की सुबह पाकिस्तान ने भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों को टारगेट करते हुए अपने एयरफोर्स का इस्तेमाल किया, जब उच्च स्तर की मुस्तैदी के कारण पाकिस्तान के प्रयास को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया.

जैसे ही पाकिस्तान एयरफोर्स के भारत में घुसने के प्रयास का पता लगा, वैसे ही भारतीय वायु सेना ने जवाबी कार्रवाई की. इसी कार्रवाई में विंग कमांडर अभिनन्दन ने पाकिस्तान एयरफोर्स के फाइटर एयरक्राफ्ट एफ-16 को मार गिराया, जो पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरा.

जैसे ही पाकिस्तान एयरफोर्स के भारत में घुसने के प्रयास का पता लगा, वैसे ही भारतीय वायु सेना ने जवाबी कार्रवाई की. इसी कार्रवाई में विंग कमांडर अभिनन्दन ने पाकिस्तान एयरफोर्स के फाइटर एयरक्राफ्ट एफ-16 को मार गिराया, जो पाकिस्तानी क्षेत्र में गिरा.

इस हवाई लड़ाई में विंग कमांडर अभिनन्दन का फाइटर प्लेन क्षतिग्रस्त हो गया जिसके बाद वे सलामत नीचे ज़मीन पर पैराशूट से तो आ गए, लेकिन वे किसी पाकिस्तान-अधिकृत क्षेत्र में जा गिरे.

हवा में डॉग फाइट करते हुए जिस तरीके से अपने मिग फाइटर प्लेन से अभिनन्दन ने पहले पाकिस्तान फाइटर पायलटों को चुनौती दी, फिर उन्हें भारत की सीमा के बाहर खदेड़ा और फिर उन्हें अपने टारगेट में लेकर एक अत्याधुनिक एफ-16 पर मिसाइल दागा, वह सब हवाई लड़ाई के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा.

अदम्य साहस का परिचय देते हुए और अपनी जान की परवाह न करते हुए विंग कमांडर अभिनन्दन ने हवा में अद्भुत पराक्रम दिखाया. आप कल्पना कीजिए जब अपने कॉकपिट में अभिनन्दन हवा से बात करने वाली गति से आसमान में लड़ रहे होंगे और जब उनके रडार में उनके मिसाइल के निशाने पर एक दुश्मन जहाज आया होगा.

उस वक्त तो अगर आपको वायरलेस से आपके कमांड सेंटर से यह भी आदेश दिया जाए कि आप वापस लौट आएं (जिसे सैन्य भाषा में डिसइंगेज करना कहते हैं), तो दुश्मन के फाइटर प्लेन को ठोकने के रोमांच से आप खुद को हटा नहीं सकते. एक फाइटर पायलट पूरी ज़िन्दगी फाइटर प्लेन उड़ाता रहता है, लेकिन लड़ाई में अपने कारनामे दिखाने का वक़्त उसे शायद ही मिल पाता है.

लड़ाई को ग्लोरीफाई नहीं किया जा सकता, युद्ध कोई स्वर्गीय कल्पना नहीं हो सकती, परंतु अगर आप पर ऐसी स्थिति थोप दी जाती है तो उसमें हिस्सा लेकर अपने देश के लिए बढ़-चढ़कर भाग लेने या मरने मिटने से कौन बहादुर पीछे हटना चाहेगा.

अभिनन्दन के साथ वैसी ही कुछ स्थिति बन गई जब उन्हें दुश्मन के फाइटर प्लेन को चुनौती देने के लिए आर्डर दिया गया. चुटकी में वे आसमान में उड़ रहे थे और अगले ही क्षण पाकिस्तानी जहाज़ों को हवा में छका रहे थे. फाइटर प्लेन के कॉकपिट में क्या सब चल रहा होता है इसका अंदाजा एक सामान्य नागरिक नहीं लगा सकता.

फाइटर पायलट को दुश्मन के जहाज का पीछा करते हुए बाएं-दाएं कुछ नहीं दिखता; उसे नीचे से एक राडार गाइड कर रहा होता है. उस फाइटर पायलट को सिर्फ अपना टारगेट हिट करना होता है.

विंग कमांडर अभिनन्दन के मिग प्लेन के बारे में यह कहा तो ज़रूर जा रहा है कि पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर प्लेन के सामने इसकी क्या मजाल, लेकिन सभी को हैरानी इस बात की है कि इसी मिग प्लेन से अभिनन्दन ने कैसा हैरतंगेज़ कारनामा कर दिखाया.

अभिनन्दन ने ना सिर्फ दुश्मन के हमले के मंसूबों को नाकाम कर दिया बल्कि उनके हवाई किले को भी मिनट में तहस नहस कर दिया, उसमें सेंध लगा दी और फिर मिसाइल भी दाग दिया.

एक पुराने रुसी लेकिन आधुनिक तकनीक से लैस मिग-21 फाइटर प्लेन से अभिनन्दन का अमेरिका-निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमान (जो  हवा से हवा में मार करने वाली एमराम मिसाइल से लैस था) पर इस तरह नजदीकी लड़ाई में वार करना दुनियाभर के वायु सेनाओं के लिए एक अद्भुत मिसाल बन गया है. सचमुच, ऐसा दुनिया में पहली बार हुआ है, जो अभिनन्दन ने कर दिखाया.   

अपनी कलाबाजियों से विंग कमांडर इतने बेहतरीन पोजीशन पर पहुंच गए थे जहां उन्हें सिर्फ और सिर्फ दुश्मन की आंख दिख रही थी, जिसे उन्होंने भेद दिया. यह असंभव सा था, लेकिन अभिनन्दन ने अपनी सूझ-बूझ और प्रेरणा से देश की भावना से लवरेज होकर पूरे हिम्मत से काम लेते हुए अपना काम कर दिया.   


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी
Exit mobile version