नेशनल डिफ़ेंस एकेडमी या एनडीए (NDA) में लड़कियों (girls) के प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की हरी झंडी मिल गई है. इसके तहत एनडीए में लड़कियों की प्रवेश परीक्षा 2021 नवंबर में होगी.
- सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से अर्जी दाखिल की गई थी जिसमें कहा गया था कि एनडीए में लड़कियों को दाखिले की इजाजत दी जाए. अर्जी में कहा गया था कि लड़कियों को एनडीए एग्जाम में बैठने की इजाजत नहीं है जो संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
- याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि लड़कियों को ग्रेजुएशन के बाद ही सेना में आने की अनुमति है. उनके लिए न्यूनतम आयु भी 21 साल रखी गई है. जबकि लड़कों को 12वीं के बाद ही एनडीए में शामिल होने दिया जाता है.
- इस तरह शुरुआत में ही महिलाओं के पुरुषों की तुलना में बेहतर पद पर पहुंचने की संभावना कम हो जाती है. यह समानता के अधिकार का हनन है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा था.
सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि एनडीए में लड़कियों को भी प्रवेश मिलना चाहिए. इस तरह नवंबर में होने वाली एनडीए की प्रवेश परीक्षा में वे हिस्सा ले सकेंगी.
परीक्षा की सूचना यूपीएससी की वेबसाइट पर दे दी गई है, जहां महिला उम्मीदवार 8 अक्टूबर 2021 तक आवेदन कर सकती हैं.
तीनों सेनाओं में लैंगिक समानता के लिए सकारात्मक कदम
अब तक केवल लड़कों को ही 12वीं के बाद एनडीए में प्रवेश दिया जाता था.
एनडीए में प्रवेश के लिए कठिन परीक्षाएं देनी पड़ती हैं जिनके बाद सफल उम्मीदवार को स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड की पांच दिनों की परीक्षा और साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है.
जिनका एनडीए में चयन हो जाता है उन्हें तीन साल का कोर्स करना होता है. उसके पश्चात कैडेट्स को थल सेना, जल सेना और वायु सेना के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है.
मौजूदा समय में, नेशनल डिफेंस एकेडमी की क्षमता 1800 बच्चों की है. 10+2 के बाद होने वाली इस परीक्षा में देश भर से करीब तीन लाख बच्चे बैठते हैं. इस परीक्षा का आयोजन साल में दो बार किया जाता है. हर परीक्षा में करीब 300 छात्रों का चयन किया जाता है.
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