गुड से बेस्ट बनें: निधि शर्मा

Nidhi Sharma Life Coachनिधि शर्मा एक प्रोफेशनल कोच हैं. मानव व्यवहार की समझ ने उन्हें लोगों को फील गुड कराने के लिए प्रेरित किया है. आज वे कारपोरेट सेक्टर में हर स्तर पर अपना मार्गदर्शन दे रही हैं. निधि के क्लाइंट उनसे खुश इसलिए हैं कि उनकी कंपनियों की प्रोडक्टिविटी बढ़ रही है जिसका श्रेय वे उन्हें देते हैं. पेश है निधि शर्मा से भारत बोलेगा की बातचीत के अंश.

आप कैसे अपनी योग्यताओं से अपने क्लाइंट को लाभ पहुंचाती हैं?

मैं उनके टीम में अपनी कार्यकुशलता और विशेषज्ञता से जान फूंकती हूँ. उनके प्रोडक्ट की वैल्यू, उनके महत्व कई बार उन्हें ही नहीं पता होते. मैं काफी मेहनत से उनकी ही अच्छाइयों को उन्हें बताती हूँ.

किसी कंपनी का कोई व्यक्ति आपसे क्या सीखता है?

यह वैसा ही है जैसे गुड से बेस्ट होने की प्रक्रिया हो. किसी व्यक्ति या संस्था के पास ब्रांड हो सकता है लेकिन उसे एक्टिवेट यानी सक्रिय करना पड़ता है, जो मैं उन्हें समझती हूँ.

यह कैसा काम है?

ये जुनून की तरह है. आप इस तरह से समझ सकते हैं कि जो जुनून मुझमें है उसके इस्तेमाल से कंपनी में काम कर रहे कामगार या वरिष्ठ अधिकारी को अपना सर्वोत्तम देने का नया रास्ता दिखता है. मैं कई बार अपनी प्राइवेट वर्कशॉप करती हूँ तो कई बार कारपोरेट फील्ड में जरूरत के अनुसार मुझे जाना पड़ता है. बड़ी संख्या में कोचिंग कारपोरेट दफ्तर में ज्यादा सुविधाजनक होती है.

आपकी कोचिंग से व्यक्तिगत रूप से किसी को क्या फायदा होता है?

मैंने शत प्रतिशत मामलों में देखा है कि मेरी कोचिंग के बाद लोगों में आत्मविश्वास जमकर बढ़ा है. डियर ज़िन्दगी के तर्ज़ पर लोगों में जीवन जीने का जोश पैदा हुआ है. मेरे क्लाइंट्स खुश और संतुष्ट दिखते हैं. मेरे बड़े ब्रांड्स जैसे ओगिलवी, कैंडिड, जागरण सोलुशंस और माइलस्टोन एंटरटेनमेंट में काम किया हुआ है, जहां मुझे बहुत अनुभव मिला.

कोचिंग से आपका क्या तात्पर्य है?

अपने 14 साल के अनुभव ने मुझे खुद भी बहुत कुछ सिखाया है. अपने क्लाइंट्स से भी मैं सीखती हूँ. हमारा व्यवहार, जीवन के प्रति रवैय्या, प्रोडक्ट और कंज्यूमर के रूप में हमारा उपयोग ऐसे विषय हैं जो जटिल तो लगते हैं जिन्हें लाइफ कोचिंग से आसान बनाया जा सकता है. एक तरह से इसे इमेज कंसल्टिंग भी कहा जा सकता है.

अभी आप किस क्लाइंट के साथ काम कर रही हैं?

फिलहाल मैं एच.डी.एफ.सी. म्यूच्यूअल फंड को कोच कर रही हूँ. साथ ही अपनी संस्था बॉन इम्प्रेशंस का विस्तार कर रही हूँ.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी