कोरोनावायरस से लड़ाई सभी लड़ रहे हैं, आर्ट से जुड़ी अपर्णा सिंह भी. इस महामारी के दौरान वायरल हो रहे डरावने ग्राफ़िक्स, वीडियो व फोटो के जवाब में अपर्णा ने प्रकृति व रंगों से एक सकरात्मक कहानी रची है.
जी कैफे क्रिएटिव एजेंसी अधिकृत आर्टिस्ट अपर्णा सिंह ने अपने तीन आर्ट वर्क से ताज़गी से लवरेज छवि प्रस्तुत की है. कहना न होगा कि कोरोनावायरस से मुकाबला करना है. डरना और डराना नहीं है.
समय पर इलाज होने से कोरोना प्रभावित लोग पूरी तरह ठीक भी हुए हैं. कोरोनावायरस से संक्रमित होना भय नहीं पैदा करता है. तमाम रोगों से हम सभी लड़ते रहे हैं.
यह समय कठिन ज़रूर लग रहा है, लेकिन अपने पॉजिटिव साइड यानी सकारात्मक पक्ष को सामने लाने की कोशिश भी लगातार होनी चाहिए.
अपर्णा सिंह ने बिलकुल वही किया है. इनके आर्ट वर्क में डर का चेहरा नहीं बल्कि सच्ची कोशिश है. प्रकृति, फूल, पत्तों के साथ एक बेहद संजीदा चित्रण.
भारत बोलेगा अपर्णा के आर्ट को एक थैरेपी की तरह देखता है जिससे लोगों को तनाव दूर करने में मदद मिलेगी.
आर्ट थैरेपी से मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है. और जिस तरह अपर्णा ने अपने आर्ट में प्रकृति का फ्यूज़न किया है उससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है.
साल 2019 में एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से जख्मी होने के बावजूद अपर्णा ने हिम्मत नहीं हारी. लगातार बिस्तर पर रहकर भी, उन्होंने जीने की राह चुनी. जो मित्र या सम्बन्धी उनसे मिलने आए, उनका मुस्कुराकर अभिवादन किया.
कोरोनावायरस त्रासदी में भी अपर्णा ने रंगों व आर्ट के माध्यम से बताने की कोशिश की है कि कैसे हमें नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से कम-से-कम 20 सेकंड तक अच्छे से धोना है. और यह हमेशा करते रहना है.
जब कोई व्यक्ति खांसता है या छींकता है तो बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. अगर उन कणों में कोरोनावायरस के विषाणु हुए तो यह वायरस फ़ैल सकता है.
संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर सांस के रास्ते वायरस अन्य किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर सकता है. अगर कोई व्यक्ति ऐसी जगह को छूता है जहां वायरस के लक्षण हों तो संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
इसलिए हाथ से नाक, मुंह, आंख छूने से मना किया जा रहा है. अपर्णा ने अपने आर्ट से यह बताने की कोशिश है कि खांसते या छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें.
आज हर कोई फेस मास्क लगा रहा है. लोग चाहते हैं कि मास्क लगाकर वे सुरक्षित महसूस करें. मास्क के साथ भी अपर्णा ने एक सुंदर एक्सपेरिमेंट किया है.