भारत बोलेगा

क्या आपके घर में शादी है?

वेडिंग सीजन यानी शादी का मौसम शुरू हो रहा है. ऐसे में क्या आपने गौर किया कि नई पीढ़ी की शादियां उतनी ही अनोखी हो रही हैं जितनी कि खुद ये पीढ़ी. जिनके साथ आप बचपन से पढ़े, वो अचानक ही एक दिन फेसबुक पर एक अनजान व्यक्ति के साथ दुल्हा या दुल्हन के लिबास में सजे दिखते हैं, और कैप्शन में ज़रूर लिखा होता है #hitched.

इक्कीसवीं सदी का सबसे बड़ा आविष्कार माना जाने वाला सोशल मीडिया, खासकर फेसबुक तो अजीब ही है. जहां एक तरफ हमारे मम्मी पापा अपने बचपन के मित्रों को ढूंढ फेसबुक से कनेक्ट कर रहे हैं, फिर एक दूसरे के शादी-ब्याह और बच्चों के बारे में जान रहे हैं, वहीं उनके बच्चे सोशल मीडिया प्लेटफार्म की मदद से अपनी शादियों को खास बनाने में तुले हुए हैं. नए अंदाज़ से उनके सगे संबंधी एवं रिश्तेदार ही नहीं, बल्कि देश विदेश में भी उनकी शादी के अनोखे तरीकों से पहचान बन रही है.

काला काला चश्मा

साल 2017 में हुई अमीषा भारद्वाज की शादी किसे नहीं याद होगी. ना हम अमीषा को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं, ना ही वे कोई सेलेब्रिटी हैं. फिर भी ‘चीप थ्रिल्स’ गाने पर शूट हुए उनके दुल्हन बनने के सफर में जब वह शॉर्ट्स पहन के ठुमके लगाती नज़र आईं, तो रातों रात इंटरनेट स्टार बन गईं. फिर क्या था, एक के बाद एक आर्टिकल उनके बारे में छपने लगे. उनकी विडियो पर अरबों हिट्स आ गए, मीडिया वाले उनके एवं उनके परिवार वालों का इंटरव्यू लेते नज़र आए और एक के बाद एक कई दुल्हनें अपने शादी के दिन शॉर्ट्स में नज़र आने लगीं, और देखते ही देखते यह एक ट्रेंड बन गया.

2016 के अंत में आने वाली फिल्म ‘बार बार देखो’ के सबसे मशहूर गाने ‘काला चश्मा’ ने भी एक अलग ट्रेंड सेट किया जहां दुल्हा दुल्हन अपनी शादी में काला चश्मा लगाए इसी गाने की धुन पर झूमते हुए नज़र आए. दूल्हे के बजाए जब बारात में दुल्हनें घोड़ी पर नज़र आने लगीं, तो एक्टर-एक्टिविस्ट गुल पनाग की शादी भी याद आ गई जहां उन्होंने दुल्हन के लिबास में रॉयल एनफील्ड पर एंट्री ली थी.

हाल ही में ताशा अरोरा अपनी मेहंदी सेरेमनी पर लेदर बूट्स में दिखीं, और सांची दुल्हन के लिबास में अपनी सहेलियों के साथ हुक्काह गुड़गुडाती दिखीं. इन सभी दुल्हनों ने अपनी शादी में कुछ हट कर किया और सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया.

अनोखे वेडिंग ट्रेंड्स से इंटरनेट पर धूम मचाने के बाद दुल्हा-दुल्हन समाज में कुछ बड़ा बदलाव लाने में सफल हो रहे हैं. इससे एक बात तो उन्होंने स्पष्ट कर दी है कि वे बिंदास हैं, खुशनुमा मिज़ाज के हैं, और अपनी शादी पर शर्माने के बजाए खुल कर मज़े करने के मूड में हैं.

शादी के बीच हैश टैग

इन सभी के बीच हैशटैग्स का प्रयोग भी काफी प्रचलित हो चला है. या फिर ये कहें कि हैशटैग्स की मदद से ये शादियां मशहूर हो गई हैं. शादी के पोस्ट्स से जुड़े #bridegoals और #weddinggoals जैसे टैग्स दुल्हे-दुल्हनों के अपनी शादी से जुड़े सपनों और लक्ष्यों से बढ़कर भी कुछ दर्शा रहे हैं. ये हैशटैग्स उनकी मानसिक स्थिति के प्रतिविंब भी हैं, जहां वह पारंपरिक तरीके से हटकर, कुछ अलग कर अपनी पहचान बनाने में सफल होकर, निपुणता का भाव झलकाते हैं.

कुछ अलग हैं आज के दुल्हा-दुल्हन

शादी की प्लानिंग बहुत पहले से शुरू हो जाती है, और कहीं ना कहीं यह मकसद रहता है कि कैसे अपनी शादी को अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी यादगार बनाया जा सके. फिर चाहे दुल्हन के लिबास में एक ट्विस्ट करना हो, चाहे अपने पेट्स को अपने वेडिंग शूट में शामिल करना, चाहे दुल्हा का मंगलसूत्र पहनना हो या फिर अपने शादी से जुड़े नए हैशटैग्स बनाकर मेहमानों को भी उन्हें इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना. दुल्हा-दुल्हन हर जगह हरसंभव प्रयास करते नज़र आ रहे हैं.

शादी की सजावटों में भी एक नयापन देखने को मिल रहा है. कहीं फूलों से सजा रिक्शा खड़ा रहता है, तो कहीं ‘शी इज द ब्राइड, ही इज द लव’ जैसे प्रौप्स से सजा फोटोबूथ तैयार होता है. फोटोबूथ पर दुल्हन के घूंघट और दुल्हे की पगड़ी के कट-आउट्स भी देखने को मिलते हैं. दुल्हन के घर वाले जहां बेटीवाले का ब्रूच लगाए घूमते हैं, वहीं दूल्हें के घर वाले लड़केवाले का.

इन सभी प्रतिक्रियाओं में जहां एक बदलाव की कोशिश साफ़-साफ़ नज़र आती है, वहीं मन में एक सवाल भी उठता है- क्या ये जोड़े शादी से जुड़े स्टेरीयोटाइप्स तोड़ रहे हैं, या नए स्टेरीयोटाइप्स क्रीएट कर रहें हैं?

दुल्हनें अपनी शादी में शॉर्ट्स तो पहन रही हैं, पर सर से घूंघट नहीं हटा रहीं. प्री-वेडिंग शूट्स में क्रॉस ड्रेसिंग करके अलग-अलग प्रौप्स और भाव दर्शा रहे हैं, फिर भी पन क्रीएट करने के लिए सेक्सिज्म से बच नहीं पा रहे.

शादी में सजावट पर जहां फूलों और हैंड मेड डेकोरेशन का सहारा ले रहे हैं, वहीं समारोह में एंट्री लेते वक्त पटाखों की आतिशबाजी से ईको-फ्रेंडली थीम का खुद ही नाश कर ले रहे हैं.

शादी के बाद महिला अपना सरनेम ना बदले, और पुरुष अपनी पत्नी का सरनेम अपना ले, ऐसा करने की ज़रूरत ही क्या है. क्या हर शादी के बंधन में बंधने पर, किसी एक साथी का अपनी पहचान बदलना अनिवार्य है? तर्क यह भी दिया जा सकता है कि लोग प्यार में ऐसा करते है.

नए जोड़ों के फैसलों की सराहना करें

कुछ नए जोड़े जहां अपनी शादी में नए-नए ट्रेंड्स आजमा कर मशहूर हो रहे हैं, वहीं कुछ जोड़े अपनी शादी को एक सिंपल अफेयर ही रखना पसंद कर रहें हैं.

शादी-ब्याह के मामलों में द बिग फैट इंडियन वेडिंग का कॉन्सेप्ट भी फीका पड़ता नज़र आ रहा है. लोगों की भीड़ इकट्ठा करने के बजाए सिर्फ ख़ास सगे-संबंधियों एवं गिने चुने मेहमानों को ही अपनी शादी में शामिल कर रहे हैं.

डांस-ऑफ और अनेक टेबल-एक्टिविटी की मदद से जो लोग भी शादी में मौजूद हों, उनको शादी में भी पूरे तरीके से शामिल करने का इंतज़ाम किया जा रहा है.

कई नए जोड़े शादी और उससे जुड़े अन्य कार्यक्रमों में जेब खाली ना कर के अपने फ्यूचर इन्वेस्टमेंट्स में पैसे डाल रहे हैं. उन पैसों से वे घूम रहे हैं व रोज़मर्रा की ज़रूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर रहे हैं.

क्या इस सीजन आपकी या आपके घर में किसी की शादी है? क्या दुल्हा-दुल्हन अपनी शादी में खुल कर हर लम्हे को जी पा रहे हैं, या बस भारी लिबास में सज कर स्टेज पर आ रहे अपने अनजान रिश्तेदारों से आशीर्वाद लिए जा रहे हैं? तो आपके यहां होने वाली शादी आप कैसे प्लान कर रहे हैं, सोचिएगा ज़रूर!


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी
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