भारत बोलेगा

कोरोना कहीं जल संकट न ले आए

कोरोनावायरस (कोवीड-19) के संक्रमण से बचने के लिए कम से कम 20 सेकंड साबुन से हाथ धोने की सलाह दी गई है. ध्यान यह रखना है कि इस दौरान पानी का नुकसान न हो.

इस पॉडकास्ट में अभिषेक कुमार यह बता रहे हैं कि साबुन और पानी से हाथ धोना कोरोना वायरस को हराने का सबसे अच्छा तरीका है, लेकिन साथ ही जल संरक्षण का भी ख्याल रखना है.

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साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोना एक अच्छी आदत बने तो क्या बात हो अगर नल से गिरते हुए पानी को सावधानी से खर्च किया जाए.

ज्ञात हो कि सही ढंग से हाथ धोने में कम से कम 20 सेकंड के लिए साबुन लगाना और दोनों तरफ हाथों को रगड़ना शामिल है.

खुले नल के नीचे इस तरह हाथ धोने में दो लीटर से ज्यादा पानी प्रयोग में आएगा. वहीं हाथों को साबुन से रगड़ने के दौरान अगर नल को बंद कर दिया जाए तो पानी की काफी बचत की जा सकेगी.

जानकारी हो कि चेन्नई और शिमला जैसे शहरों में पानी पूरी तरह से खत्म होने की खबरें आती रही हैं.

अतः लोगों में पानी की बचत के प्रति जागरूकता फैलाए जाने की जरूरत है. हाथों को रगड़ने के दौरान नल बंद कर देने चाहिए या ऐसे नलों का इस्तेमाल हो जो हाथ हटा लेने पर खुद ब खुद बंद हो जाते हों.

एक व्यक्ति कोरोना की वजह से दिन में 15 से 20 बार हाथ धोता है जबकि आम दिनों में वह पांच से 10 बार हाथ धोता था.

इसका मतलब यह हुआ कि कोरोना की वजह से वह लगभग 10 बार अधिक हाथ धो रहा है. इस तरह प्रतिदिन प्रति व्यक्ति अतिरिक्त पानी खर्च हो रहा है. अतः जितनी जरूरत है उतना ही पानी का इस्तेमाल करें.

Coronavirus Handwash art

लॉकडाउन के दौरान आप अपने बच्चों को पानी के सदुपयोग के बारे में न केवल बताएं बल्कि उनकी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं. पानी की हर बूंद को बचाकर उसका सदुपयोग करें.

पानी की टोटी भी सही से बंद करें. ब्रश करते वक्त टोंटी बंद रखें, नहाने के लिए शावर का प्रयोग न करें बल्कि बाल्टी से पानी लें.


भारत बोलेगा: जानकारी भी, समझदारी भी
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