फेसबुक की ग्लोबल डायरेक्टर (राजनीति एवं सरकार) कैटी हार्बथ ने बताया है कि भारत सरकार ने सरकारी संवाद हेतु सोशल मीडिया के कारगर उपयोग के लिए हाल ही में उनकी कंपनी के सहयोग से एक कार्यशाला का आयोजन किया.
तो क्या मान लें कि सोशल मीडिया आज समाचार माध्यमों के लिए पाठकों और दर्शकों से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है? ये ऐसा मंच हो गया है जहां न केवल कार्यक्रम सीधे यूजर्स तक पहुंचते हैं बल्कि यूजर्स कार्यक्रमों में शामिल भी होते हैं और अपनी राय भी प्रकट करते हैं!
देश में डिजिटल क्रांति को तेजी देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के सामने चुनौती यह है कि नागरिकों के साथ संवाद करने के लिए सही सामग्री एवं ज्ञान के साथ अपने दृष्टिकोण एवं रणनीति को किस तरह नए सिरे से अनुकूल बनाया जाए.
प्रधानमंत्री भी तमाम माध्यमों से जनता से अपनी राय प्रेषित करने के लिए कह रहे हैं, चाहे रेडियो पर ‘मन की बात’ कार्यक्रम द्वारा या अपनी वेबसाइट या ट्विटर के माध्यम से.
एक्टर गुल पनाग कहती हैं कि सोशल मीडिया पर अब महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में तत्काल धारणाएं बन जाती हैं. आज लगभग सभी प्राइवेट या सरकारी अधिकारी से लेकर सेलेब्रिटी और आम आदमी तक सोशल मीडिया से जुड़ रहे हैं.
इंटरनेट के प्रसार से इससे जुड़ने वाले बढ़ते ही रहेंगे. प्राइवेट कंपनियों तथा सरकारी उपक्रमों को भी उपभोक्ताओं से इस प्लेटफार्म पर संवाद बढ़ाने की आवश्यकता है.
साथ ही पत्रकारों और लेखकों को अब भाषा के बारे में खूब सोचना पड़ेगा, हमेशा अपना दिमाग़ खुला रखना पड़ेगा.