भारत बोलेगा

तकनीकी क्षेत्र की क्रांतिकारी महिलाएं

टेक्नोलॉजी (technology) इंडस्ट्री में लैंगिक विभेद की शिकार महिलाएं (women) होती रही हैं. लेकिन कौन कहता है कि इस इंडस्ट्री में महिलाएं लीड नहीं करतीं. वह तो कंपनी की टॉप पोस्ट की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं. हजारों कर्मचारी उनके नीचे काम कर रहे हैं. आप विश्वास के साथ कह सकते हैं कि महिलाओं ने ग्लास की सिलिंग तोड़ दी है और बोर्ड रुम में मीटिंग भी ले रही हैं.

शेरिल सैंडबर्ग, सीओओ, फेसबुक

सिलिकन वैली की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार शेरिल (Sheryl Sandberg) हार्वड ग्रैजुएट हैं. जब इन्होंने फेसबुक को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करवाया तब से कंपनी के डिजिटल कैश फ्लो में विस्तार हो रहा है.

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शेरिल सैंडबर्ग फेसबुक की सीओओ (COO) हैं.

सुसान वोज्स्की, चीफ एक्जक्यूटिव, यू-ट्यूब

सुसान (Susan Wojcicki) ने 1999 में गूगल ज्वाइन किया. जब इन्होंने यू-ट्यूब संभाला तो कंपनी का सालाना रेवेन्यू ग्रोथ 1.6 बिलियन डॉलर था, जिसे इन्होंने बहुत ही कम समय में चार बिलियन डॉलर पर पहुंचा दिया.

सुसान वोज्स्की Google की पहली मार्केटिंग मेनेजर हैं. बाद में इन्होंने कंपनी के ऑनलाइन विज्ञापन व्यवसाय का नेतृत्व किया. इन्होंने ही YouTube की सफलता का अवलोकन करने के बाद 2006 में YouTube के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा, और 2014 के बाद से YouTube के CEO के रूप में कार्य कर रही हैं. आपको बता दें कि जब इन्हें गूगल में काम करने का ऑफर मिला तो ये गर्भवती थीं.

मारिसा मेयर, सीईओ, याहू 

2012 में ये याहू की सीईओ बनीं और उससे पहले गूगल में बतौर वाइस प्रेसिडेंट, मैप्स और लोकेशन की जिम्मेवारी निभा रही थीं. गूगल अर्थ और गूगल मैप्स मारिसा मेयर (Marissa Mayer) के ब्रेनचाइल्ड हैं. सम्प्रति ये सनशाइन कॉन्टैक्ट की को-फाउंडर हैं और कंपनियों में इन्वेस्ट कर रही हैं. 

फिन्निश मूल की मारिसा का जन्म अमेरिका में हुआ था. वो लंबे वक्त से गूगल की मुख्य प्रवक्ता थीं. वो कंपनी की बीसवीं कर्मचारी और पहली महिला इंजीनियर थीं.

रुथ पोरट, सीएफओ, गूगल

यें वाल स्ट्रीट की बिग विग के नाम से जानी जाती हैं. अमेरिका के ट्रेजरी और न्यूयार्क फेडरल रिजर्व में बतौर सलाहकार काम कर रही रुथ (Ruth Porat) पहले मार्गन स्टैनले में लंबे समय तक इंवेस्टमेंट बैंकिंग सेक्टर में वीपी की जिम्मेवारी निभा रही थीं. फिलहाल गूगल में बतौर सीएफओ काम कर रही हैं.

रुथ पोरट बड़े अवसरों के लिए नई प्रतिभाओं की खोज करती रहती हैं. गूगल के दुनिया भर में एक लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं, और ये उनकी CFO.

वेली डाइ, प्रेसीडेंट, मार्वल टेक्नोलॉजी

वेली डाइ (Weili Dai) ने अपने पति सेहात सुदारजा के साथ मिलकर अपने घर के किचन से कंपनी की शुरुआत की. फिलहाल कंपनी का वैल्यूशन मल्टी बिलियन डॉलर में है और 7000 से ज्यादा कर्मचारी इसमें काम करते हैं. इनकी कंपनी दुनिया में कंप्यूटर चिप्स की लीडिंग सप्लायर है और गूगल, सैमसंग जैसी कंपनियां इसके ग्राहक हैं.

वेली डाइ के नेतृत्व में मार्वल दुनिया की शीर्ष सेमीकंडक्टर कंपनियों में से एक बनी.

जूलिया हू, सीईओ, लार्क टेक्नोलॉजी

फार्ब्स ने जूलिया हू को टेक इंडस्ट्री के टॉप 10 वुमेन लीडर्स में शामिल किया है. स्टैनफोर्ड ग्रैजुएट जूलिया हू (Julia Hu) लार्क टैक्नोलॉजी की सीईओ के साथ-साथ हीप-हॉप डांस क्लास भी चलाती हैं.

जूलिया हू: हम स्केलेबल वर्चुअल केयर प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं.

किंबरली गॉर्डन, सीईओ, डेपिक्ट

किंबरले गॉर्डन (Kimberly Gordon) आर्ट की शौकीन हैं और इन्होंने एक डिजिटल आर्ट प्लेटफार्म की ही स्थापना कर दी. यहां आर्टिस्ट को अपने आर्ट को डिजिटल फ्रेम करने की सुविधा मिलती है. डेपिक्ट का आर्ट कलेक्शन काफी रीच है.

पेनोलोप ट्रंक, फाउंडर, ई- सिटी डिल्स, मैथ.कॉम

पेनोलोप ट्रंक (Penelope Trunk) ने अपने करियर की शुरुआत टेक्नोलॉजी प्रोडक्टस की दुनिया की नंबर वन कंपनी इनग्राम माइक्रो में बतौर वेबमास्टर से शुरु की थी. अब ये खुद का बिजनेस संभाल रही हैं. ये ई-सिटी डिल्स, मैथ.कॉम समेत दो और ई-कामर्स कंपनी के करियर काउंसलिंग से जुड़ी हैं.

पेनोलोप ट्रंक ने अपना करियर एक वेबमास्टर के रूप में शुरू किया था.

लीजा कौंकरगुड, सीएमओ, पिकमंकी

लिजा ने ऐडी बायर नामक ई-कॉमर्स कंपनी में बतौर टीम लीडर अपने करियर की शुरुआत की. फिर गूगल की ही एक सिस्टर कंपनी पिकनिक में चीफ मार्केटिंग ऑफिसर बनीं. जब गूगल ने पिकनिक को बंद कर दिया तो लिजा कौंकरगुड (Lisa Conquergood) ने अपनी पूरी टीम के साथ पिकमंकी को ज्वाइन कर लिया.

आज पिकमंकी के साइट पर विजिटर्स अपनी क्रिएटिविटी निखारने आते हैं.

मेग व्हिटमन, सीईओ, एचपी

फोर्ब्स की पावरफुल लेडी की सूची में शामिल मेग व्हिटमन (Meg Whitman) ने बतौर ब्रांड मनैजर करियर की शुरुआत प्रॉक्टर एंड गैंबल से की थी. टेक इंडस्ट्री की वन-टू-टेन कंपनी में हैवलैट पैकार्ड को शामिल कराने का श्रेय इन्हीं को जाता है. हाल ही में इन्होंने कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर पद के लिए भी चुनावी दावेदारी पेश की थी.

2008 में द न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा व्हिटमैन को अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने की सबसे अधिक संभावना वाली महिलाओं में से एक के रूप में उद्धृत किया था.

लूसी पेंग, सह संस्थापक, अलीबाबा

लूसी पेंग (Peng Lei) दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाइनेंसियल डिपार्टमेंट अलीपे की सर्वे-सर्वा हैं. अलीपे का दायित्व संभालने के बाद लूसी ने कंपनी यूजर्स की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी की है. 615 मिलियन यूजर्स अभी अलीपे का इस्तेमाल करते हैं.

इकॉमर्स वेबसाइट अलीबाबा की सबसे प्रभावशाली महिला लूसी पेंग कहती हैं हर अच्छी कंपनी प्यार भरी होती है.

एमी हुड, सीएफओ, माइक्रोसॉफ्ट

एमी हुड (Amy Hood) का बैकग्राउंड तो वैसे इंवेस्टमेंट बैंकिंग में था, लेकिन 2002 में इन्होंने माइक्रोसॉफ्ट ज्वाइन किया और कपंनी की पहली महिला सीएफओ बनी. फिलहाल माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा टेकओवर की गई कंपनी माइनक्राफ्ट का सारा दायित्व इन्हीं के कंधे पर है.

स्काइप के टेकओवर के पीछे भी एमी हुड ही थी.

गिन्नी रोमैट्टी, सीईओ, आइबीएम

जिस कंपनी में गिन्नी रोमैट्टी (Ginni Rometti) ने निचले पायदान से काम करना शुरु किया, उसी कंपनी में सबसे ऊंचे पायदान पर यानी सीईओ की कुर्सी पर बैठी हैं. आइबीएम में बतौर सिस्टम इंजीनियर गिन्नी ने काम करना शुरु किया और मेहनत-लगन के दम पर फटाफट प्रमोशन मिलता गया.

2012 में गिन्नी रोमैट्टी कंपनी की सीईओ बनीं.

सैफरा कैट्ज, सीईओ, ओरेकल

फोर्ब्स की पावरफुल महिलाओं की सूची में शामिल साफरा काट्ज (Safra Catz) पिछले बीस साल से ओरेकल की सीईओ हैं. पिछले पांच सालों से साफरा ने अपने प्रयास से 85 नई कंपनियों का अधिग्रहण किया है. 2015 में ओरेकल का वैल्यूएशन 525 मिलियन डॉलर था.

सैफरा कैट्ज वर्तमान में वॉल्ट डिज़नी कंपनी के निदेशक के रूप में कार्य करती है और कुछ समय पहले एचएसबीसी होल्डिंग्स के निदेशक के रूप में भी उन्होंने कार्य किया.

एंजेला रेंड्ज, मेंबर लीडरशीप टीम, एपल

एंजेला रेंड्ज (Angela Ahrendts) टीम कुक के एपल लीडरशीप टीम की हिस्सा रही हैं.

2019 तक जब वे एप्पल (apple Inc.) में बनी रहीं, उन्हें अमेरिका में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली महिला अधिकारी होने के नाते सालाना 82.6 मिलियन डॉलर मिलता रहा.

उर्सला बर्न्स, सीईओ, जेरोक्स

दुनिया के लिए अनजान उर्सुला (Ursula Burns) ने समर इंटर्न के रुप में 1980 में जेरोक्स कंपनी ज्वाइन किया था और धीरे-धीरे इस कंपनी की सबसे पावरफुल वुमन बन गईं. 2009 में वो कंपनी की सीईओ बनाई गईं और इन्होंने कंपनी को ग्लोबल ब्रांड बना दिया.

फ़िलहाल उर्सला बर्न्स उबर में बोर्ड डायरेक्टर हैं. ये फोर्ड फांउडेशन की निदेशक भी रहीं, और कई एनजीओ का भी काम देखती रहीं.
भारत में सॉफ्टवेयर व सेवा कंपनियों के राष्ट्रीय संगठन नासकॉम (NASSCOM) की अध्यक्ष हैं देबजानी घोष. इंटेल साउथ एशिया की पूर्व प्रबंध निदेशक घोष नासकॉम की पहली महिला अध्यक्ष हैं.

मैरी मीकर, एमडी, केपीसीबी

1991-2010 तक मैरी मॉर्गन स्टैनले में एमडी रहते कई बड़ी कंपनियां मसलन अलीबाबा, अमेजन, इन्यूट, एपल, इबे और माइक्रोसॉफ्ट के प्रोजेक्ट पर काम करती रहीं. 2010 में मैरी (Mary Meeker) ने जब केपीसीबी ज्वाइन किया तो इन्हें क्वीन ऑफ सिलिकन वैली के नाम से लोग जानते थे.

इंटरनेट के नए ट्रेंड्स पर मैरी मीकर ने कई किताबें भी लिखी हैं.

सोलिना चाउ, संस्थापक, होराइजन वेंचर्स

एशिया के सबसे अमीर इंसान के पत्नी के होने के साथ-साथ सोलिना (Solina Chau) टेक इंडस्ट्री को फंडिग भी करती हैं. होराइजन वेंचर्स के जरिये इन्होंने टेक इंडस्ट्री में नौ बिलियन डॉलर की फंडिंग की है.

चाउ का जन्म 1961 में हांगकांग के एक छोटे व्यवसायी की बेटी के रूप में हुआ था.

पदमाश्री वैरियर, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, सिस्को

सिस्को सिस्टम के सफलतापूर्वक अधिग्रहण में पदमाश्री (Padmasree Warrior) का अहम योगदान है. सिस्को में बतौर चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर काम कर रही पदमाश्री पहले मोटोरोला में थीं और वहां अपने लगन से इन्होंने कंपनी को 2004 में नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी का अवार्ड दिलाया.

फिलहाल पदमाश्री वैरियर सिस्को छोड़ चुकी हैं. एक इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी एनआईओ में गईं तो इन्हें “इलेक्ट्रिक कार बिज़ की रानी” कहा जाने लगा. ये माइक्रोसॉफ्ट और स्पॉटीफाई में बोर्ड मेंबर भी हैं.

जेनी ली, वेंचर कैपिटलिस्ट

जेनी ली (Jenny Lee) चीन की नंबर वन वेंचर कैपिटलिस्ट हैं और फोर्ब्स ने भी इन्हें टॉप वेंचर कैपिटलिस्ट की लिस्ट में पहला स्थान दिया हुआ है. ली ने चीन में कई बड़ी कंपनिया समेत टेक स्टार्ट अप में भी वेंचर कैपिटल के जरिये निवेश किया है.

वनिता नारायण, एमडी, आइबीएम इंडिया

1987 में आइबीएम के यूएस ऑफिस से वनिता नारायण (Vanitha Narayanan) ने करियर की शुरुआत की और इन 25 सालों के दौरान सेल्स, मार्केटिंग का काम देखते-देखते कंपनी के लिए कई देशों में बहुत सारे ग्राहक बनाए.

2013 में वनिता नारायण को कंपनी ने भारत में अपने कारोबार को मॉनिटर करने के लिए सीईओ बनाया.

नीलम धवन, एमडी, एचपी इंडिया

इंडियन टेक इंडस्ट्री में नीलम (Neelam Dhawan) का अनुभव दो दशक का रहा है. एचपी इंडिया की एमडी बनने से पहले ये माइक्रोसॉफ्ट में एमडी थीं. इनके ऊपर कंपनी के प्रॉफिट से लेकर कंपनी के सभी विंग पीसी, प्रिंटर एचपी सर्विस के ओवरऑल बिजनेस का जिम्मा रहा.

धवन ने हेवलेट पैकार्ड (एचपी) एंटरप्राइज, माइक्रोसॉफ्ट, आईबीएम और एचसीएल सहित अन्य कंपनियों में काम किया है. वर्तमान में, ये रॉयल फिलिप्स, नीदरलैंड्स में पर्यवेक्षी बोर्ड की सदस्य और आईसीआईसीआई बैंक इंडिया, स्काईलो टेक्नोलॉजीज, कैपिटा पीएलसी और यात्रा ऑनलाइन में गैर-कार्यकारी निदेशक हैं. हाल ही में एक स्टार्टअप मोग्लिक्स से भी ये जुड़ी हैं, जहां उनकी योजना वैश्विक विस्तार के एक नए चरण शुरू करने की है.

अरुणा जयंती, सीईओ, कैपजेमिनी इंडिया

फॉर्च्यून इंडिया की टॉप 50 पावरफुल वुमन लीडर्स की लिस्ट में अरुणा (Aruna Jayanthi) तीसरे स्थान पर हैं. आइटी सर्विस इंडस्ट्री में इनका दो दशक से ज्यादा का अनुभव है. फिलहाल फ्रेंच आइटी कंपनी कैपजेमिनी की मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में एशिया पैसिफिक व लैटिन अमेरिका का बिजनेस देख रही हैं.

कामयाबी का कोई जेंडर नहीं होता – अरुणा जयंती

कीर्तिगा रेड्डी, हेड ऑफ ऑफिस, फेसबुक इंडिया

2010 में फेसबुक के इंडिया ऑफिस में सबसे पहली कर्मचारी कीर्तिगा (Kirthiga-Reddy) थीं और पांच साल के अंदर अपने हैदराबाद ऑफिस से कंपनी के लिए यूजर्स, एडवरटाइजर्स और डेवलपर्स का एक बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया.

कीर्तिगा अब सॉफ्टबैंक में वेंचर पार्टनर हैं.

कुमुद श्रीनिवासन, प्रेसीडेंट, इंटेल इंडिया

इंटेल के भारतीय ऑफिस के लिए सभी ऑपरेशन और मैनेजमेंट का जिम्मा कुमुद (Kumud Srinivasan) के पास ही रहा. ये 1987 में इंटेल में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ज्वाइन की थीं और फिर कंपनी की टॉप पोस्ट पर पहुंचीं.

कुमुद श्रीनिवासन एक अनुभवी लीडर हैं, जो हर तरह के संसाधन जुटाने में कुशल हैं.

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आब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार – एक समय था जब भारत दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए केवल एक बैंक-ऑफिस था, जहां अधिकतर काम, एक पूरक कार्यवाही के रूप में था यानी बौद्धिक काम के बजाय भारत में आने वाला काम लिखा-पढ़ी से जुड़ा था. लेकिन भारतीय तकनीक और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र (startup ecosystem) अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ते हुए, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया है.


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