जब छाये मेरा जादू, कोई बच न पाए. देव आनंद की फिल्म ‘लूटमार’ का यह गाना इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल पर पूरी तरह सटीक बैठता है.
आखिर आईपीएल में ऐसा क्या जादू है कि इसके सम्मोहन से कोई बच नहीं पाता है?
कोई यह भी नहीं जानता है कि हर कोई आईपीएल के पीछे क्यों खिंचा चला आता है.
आईपीएल में भीड़ लेकिन घरेलू टूर्नामेंट में दर्शकों का टोटा
इसी महीने इंदौर में महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी ट्वंटी-20 घरेलू टूर्नामेंट का फाइनल खेला गया. लेकिन, फाइनल को देखने के लिए दर्शक मौजूद नहीं थे जबकि आईपीएल के एक-एक मुकाबले को देखने के लिए मारामारी मची रहती है.
सैयद मुश्ताक अली फाइनल में खेलने के लिए राहुल त्रिपाठी, मयंक अग्रवाल, मनीष पांडेय और करुण नायर जैसे खिलाड़ी मौजूद थे जो आईपीएल में खेल रहे हैं.
आईपीएल का यह 12वां साल चल रहा है और इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है, उलटे इसकी लोकप्रियता में इजाफा ही हुआ है.
दरअसल इस टूर्नामेंट की पैकेजिंग, मार्केटिंग और प्रजेंटेशन इतना जबरदस्त है कि इसे देखने की होड़ मची रहती है.
घरेलू टूर्नामेंट के लिए कोई प्रचार नहीं होता है और उसके लिए तो यह माना जाता है कि यह तो घरेलू खिलाड़ियों का टूर्नामेंट है. कोई देखे या न देखे कोई फर्क नहीं पड़ता.
आईपीएल में खेल और ग्लैमर का तड़का
आईपीएल तो ऐसा प्रोडक्ट है जिसे बेचने में बीसीसीआई को हर तरफ से फायदा है.
क्रिकेट बोर्ड को मोटी कमाई होती है, खिलाड़ियों को जबरदस्त पैसा मिलता है, ब्रॉडकास्टर को बड़ा बाजार और करोड़ों दर्शक मिलते हैं. कंपनियों को तो अपने प्रचार के लिए ऐसा साधन मिलता है जहां लोग आंखें गड़ाए एक-एक गेंद देखते हैं.
भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अम्बानी की आईपीएल में टीम है, बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख़ खान की टीम है और वह खुद भी मैच देखने आते हैं.
दुनिया के तमाम बड़े क्रिकेटर इसमें उतरते हैं, कमेंट्री में बेस्ट क्रिकेटर होते हैं, और बॉलीवुड की हस्तियां मैच देखने पहुंचती हैं.
आईपीएल में खेल और ग्लैमर का ऐसा तड़का होता है जो कहीं और देखने को नहीं मिलता है. किसी अन्य खेल में इतना स्टारडम देखने को नहीं मिलता.
भारत में तो वैसे भी क्रिकेट और फ़िल्मी सितारों के दीवानों की कोई कमी नहीं है. देश में चुनाव हों, कहीं पानी की कमी हो, मैच में स्पॉट फिक्सिंग हो, क्रिकेट बोर्ड में सुधार लागू नहीं हो पाएं, लेकिन आईपीएल पिछले 12 साल से बदस्तूर जारी है.
आईपीएल ही भारत का आधुनिक त्यौहार बन गया है और बड़ी धूमधाम से इसे रात आठ बजे से 12 बजे तक मनाया जाता है.