पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली सहित कई खिलाड़ियों ने पाकिस्तान की कड़ी निंदा की है और उसे सबक सिखाने की बात की है.
भारत सरकार पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के कूटनीतिक प्रयासों में जुटी हुई है लेकिन पूरी दुनिया को एक बड़ा संदेश देने के लिए अब जरूरी हो गया है कि भारतीय क्रिकेट टीम 30 मई से इंग्लैंड में होने वाले अपने विश्व कप में पाकिस्तान से अपने मैच का पूरी तरह बहिष्कार करे.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और खिलाड़ियों को अभी से यह एलान कर देना चाहिए कि वे विश्व कप में पाकिस्तान के साथ अपना मैच नहीं खेलेंगे.
मुंबई के क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई) से पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान और मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान की तस्वीर हटाई जा चुकी है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है.
दुनिया के सामने स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि जो देश आतंकवाद का समर्थन करता है भारत उसके साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी खेल मुकाबले में नहीं खेलेगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध वर्षों से टूटे पड़े हैं लेकिन भारतीय टीम विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और ओलंपिक में पाकिस्तानी टीम और खिलाड़ियों के साथ खेलती है.
भारतीय क्रिकेट टीम यदि पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच का बहिष्कार करती है तो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को भी इस बात को गंभीरता से लेने के लिए मजबूर होना पड़ जाएगा.
पाकिस्तान में सुरक्षा के हालात को लेकर विदेशी टीमें पाकिस्तान का दौरा करने से बचती हैं लेकिन उन्हें भी यह कहना पड़ेगा कि इस देश के साथ द्विपक्षीय खेल संबंध नहीं रखे जाएं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भारत ने एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाते हुए पाकिस्तान से सर्वाधिक वरीयता प्राप्त राष्ट्र का दर्जा वापस लेने का निर्णय लिया है.
साथ ही यह फैसला भी किया गया है कि भारत सरकार पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर हरसंभव कदम उठाएगी.
इन कूटनीतिक कदमों में अब खेल ख़ास तौर पर क्रिकेट को भी शामिल किया जाना चाहिए.
विश्व कप इस कदम के लिए सबसे अच्छा मौका है और किसी भारतीय क्रिकेटर को ही इसकी शुरुआत कर देनी चाहिए.