कैम्ब्रिज में अगर आप साइकिल नहीं चलाते हैं तो आपके साथ कुछ गड़बड़ है. इंग्लैंड का यह छोटा सा शहर मध्यकालीन यूरोपियन स्थापत्य की खूबसूरती से सजा हुआ है. शहर के बीचो-बीच बहती देहाती कैम नदी का कलकल करता पानी इस शहर को एक अलग ही सुंदरता देता है.
लेकिन हम यहां बात कर रहे हैं कैम्ब्रिज की एक अलग ही सुंदरता की जो यहां के भव्य, खूबसूरत और सम्मानित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से अलग है. वह है शांति और सुकून. एक ऐसा शहर जिसकी सड़कों पर जाड़े की अलसाई दोपहर की तरह शांति बहती है, न कोई शोर, न कोई चिल्ल-पौं. हर तरफ शांति और सुकून. बिल्कुल तालाब के निथरे पानी की तरह ठहरा हुआ.
क्या आपको पता है कैम्ब्रिज कैसे इतना बदल गया
बहुत कम लोग जानते हैं कि यह शहर अब साइकिल सवारों के लिए भी जाना जाता है. शहर के आधे से ज्यादा लोगों ने अब कार चलाना छोड़ दिया है. एक लाख चौबीस हजार की आबादी वाले इस शहर ने अब साइकिल और दोपहिए से दोस्ती कर ली है. सरकारी आंकड़ों की बात करें तो 29 फीसदी से ज्यादा लोग साइकिल से ही काम करने जाते हैं.
सिटी सेंटर की पूरी ट्रिप लोग साइकिल से ही करते हैं, शॉपिंग सेंटर हो या म्यूजियम-लाइब्रेरी या फिर मल्टीप्लेक्स, कहीं कार नहीं ले जाते हैं कोई. दुनिया के अन्य शहर जहां के लोग अब साइकिल से दोस्ती कर रहे हैं, उन शहरों को भी अब कैम्ब्रिज से जलन होने लगी है. चाहे वह डेनमार्क हो, नीदरलैंड हो या फिर जर्मनी, जहां अभी भी साइकिल पर चलने वाली की संख्या काफी है.
खास बात यह है कि कैम्ब्रिज में जितने मर्द साइकिल चलाते हैं, उतनी ही संख्या में औरत भी साइकिल चलाती हैं
इस शहर ने पिछले पंद्रह सालो में कार-बस और अन्य ट्रांसपोर्ट को छोड़ कर दोपहिए को चुना है. इस बीच शहर के सभी ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण केंद्रों को कार फ्री एरिया बना दिया गया है. इन जगहों की सड़क बंदी जहाजी खूंटे से की गई है. अगर कार, बस या कोई कमर्शियल वाहन अंदर आता है तो खूंटा ऊपर से नीचे आकर वाहन को रोक देता है.
शहर में सड़कों पर कई जगह ऐसे गेट लगे हैं जो कार के आते ही ब्लॉक हो जाते हैं. सिर्फ बाइक, साइकल सवार और पैदल चलने वालों के लिए ये गेट खुलते हैं. हालांकि एंबुलैंस और फायर बिग्रेड की गाड़ी आते ही गेट अपने आप खुल जाते हैं. शहर के आधा से ज्यादा स्ट्रीट में 32 किमी घंटा की गति सीमा तय कर ही दी गई है और साथ में हर स्ट्रीट में स्पीड कैमरा भी लगा है ताकि कोई आसानी से कानून नहीं तोड़ सके.
यह सारी कवायद इसलिए की गई है ताकि शहर में आसानी से साइक्लिंग की जा सके. सिटी सेंटर आराम से और जल्दी पहुंचा जा सके. इससे भी ज्यादा जरुरी यह कि कैम्ब्रिज की भव्य ऐतिहासिकता को ट्रैफिक के प्रदूषण, शोर-कोलाहल से बचाया जा सके. कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी दुनिया का सबसे खूबसूरत कैंपस हो गया है. यहां छात्र से लेकर अध्यापक तक साइकिल से ही पढ़ने-पढ़ाने आते हैं.