महा वाजिरालोंगकोर्न ने थाईलैंड के नए राजा के रूप में शपथ ग्रहण कर लिया है. ताजपोशी के उपरांत उनका जुलूस निकला जिसे लोगों ने तोपों की सलामी के बीच काफी अनुशासन से देखा.
चक्री वंश के इस 66 वर्षीय राजा को राम दशम के नाम से जाना जाएगा. रत्नजड़ित वस्त्र और सोने के मुकुट से सजे राजा का जुलूस जब राजधानी बैंकॉक में निकला तब उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई.
नई रानी सुथिदा जिनके साथ वाजिरालोंगकोर्न ने राज्याभिषेक से ठीक पहले विवाह किया, राजा की पालकी के आगे मार्च पास्ट करती दिखीं.
राजा भूमिबोल अदुलयादेज के निधन के बाद 2016 में वाजिरालोंगकोर्न ने गद्दी संभाली थी. लेकिन उनका राज्याभिषेक समारोह मई के प्रथम सप्ताह में शुरू हुआ.
राज्याभिषेक से ठीक पहले राजमहल की ओर से उनकी नई शादी की सूचना दी गई.
रानी सुथिदा राजा वाजिरालोंगकोर्न की सहयोगी रही हैं और उनकी सुरक्षा की देखभाल करती रही हैं.
राजा वाजिरालोंगकोर्न के इस कदम से राजघराने और आम जनता के बीच में फर्क खत्म करने की ऐतिहासिक कोशिश की गई.
ज्ञात हो कि रानी सुथिदा राजा की बॉडीगार्ड बनने से पहले थाईंलैंड एयरवेज में फ्लाइट अटेंडेंट थीं. दिसंबर 2016 में राजा ने सुथिदा को सेना में जनरल का ओहदा दिया था.
राजा वाजिरालोंगकोर्न की पहले भी तीन बार शादी और तलाक़ हो चुके हैं, और उनके सात बच्चे हैं.
थाईलैंड के साम्राज्य की महत्वपूर्ण बात
थाईलैंड में संवैधानिक साम्राज्य है, वहां संविधान भी है, प्रधानमंत्री भी हैं और राजा भी है, पर सबके अधिकार भिन्न हैं.
राजा वहां के सशस्त्र बलों का अध्यक्ष भी है और देश का सर्वोच्च नायक भी.
थाईलैंड के नागरिकों में राजा के प्रति जो सम्मान और आदर है वो कहीं नहीं हो सकता.
महा वाजिरालोंगकोर्न के पिता भूमिबोल अदुलयादेज ने करीब 70 वर्षों तक शासन किया था और वो दुनिया में सबसे लंबे वक्त तक गद्दी पर रहने वाले राजा थे. वो थाईलैंड में खासे लोकप्रिय थे.