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रिहाना: दूसरों की आवाज़ बनें

रिहाना ने मार्मिक अपील करते हुए कहा है कि हर कोई किसी न किसी की मदद जरूर कर सकता है. “आप एक व्यक्ति की निःस्वार्थ मदद करके शुरुआत तो करें.” हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पीटर जे. गोम्स ह्यूमनटेरियन अवार्ड से सम्मानित होते हुए रिहाना ने ये बातें कहीं.

उन्होंने कहा कि यही सच्ची मानवता है. भारतीय मूल के हार्वर्ड के डीन राकेश खुराना भी 28 फरवरी के पुरस्कार समारोह में उपस्थित थे.

यह अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि रिहाना को सुनने के लिए विश्वविद्यालय परिसर के सैंडर्स थिएटर में इतने लोग इकठ्ठा हुए थे जितने कि इंडस्ट्री के दिग्गजों, राष्ट्राध्यक्षों व नोबेल विजेताओं को सुनने के लिए भी नहीं आते. पीटर जे. गोम्स ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड सन 2011 से हर साल हार्वर्ड फाउंडेशन द्वारा समाज में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.

गायिका रिहाना और भारतीय मूल के हार्वर्ड के डीन राकेश खुराना

अपने संक्षिप्त अभिभाषण में 29 वर्षीय रिहाना ने कहा, “जिस तरह से मुझे सम्मान दिया जा रहा है, उससे मैं अभिभूत हूँ.” रिहाना ने पूरी तरह से बीमार बच्चों की मदद करने के उद्देश्य से 2006 में अपने बिलीव फाउंडेशन की स्थापना की. तब रिहाना ने कहा था कि बचपन में टेलीविजन पर वे देखती थीं कि कैसे बच्चे कष्ट भोगते हैं. “तब मैं कहती थी कि बड़ी होकर मैं उनकी मदद करूंगी.”

रिहाना ने अपने फाउंडेशन और कई चैरिटी के लिए धन जुटाने के उद्देश्य से अनगिनत संगीत समारोह में प्रदर्शन किया है. आठ बार की ग्रैमी विजेता रिहाना ने एड्स के खिलाफ लड़ाई में भी योगदान दिया है तथा “बिलीव” (भरोसा करो) और “स्टॉप ऐंड थिंक” (रूको और सोचो) जैसे नारे भी लगाए हैं.

रिहाना ने थिएटर में उपस्थित लोगों की ओर देखकर कहा, “मैं इस खूबसूरत हॉल में कितना ही भरोसा देख रही हूँ, और विश्वास से भरी आंखें देख रही हूँ. मुझे भविष्य दिख रहा है.”

2005 में रिहाना ने अपना पहला स्टूडियो एल्बम – म्यूज़िक ऑफ द सन रिलीज किया जो बिलबोर्ड 200 की चार्ट के टॉप टेन में पहुंच गया. उसके बाद रिहाना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. आज रिहाना, कैरेबियन दुनिया से उभर कर आने वाली रिदम और ब्लूज़ की एक अनूठी देवी बन गई हैं.


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