कोविड-19 काल में जेलों में क़ैदी बढ़े

मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) का एक नया अध्ययन दर्शाता है कि विश्व भर में, हर तीन में से एक क़ैदी (prisoner) को बिना मुक़दम चलाए या अदालत द्वारा दोषी पाए बिना ही, बन्दीगृह (jail) में रखा जा रहा है.

यूएन एजेंसी की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2000 से 2019 के बीच, वैश्विक आबादी में 21 फ़ीसदी की वृद्धि हुई है, और विश्व भर में क़ैदियों की संख्या में 25 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है.

ज्ञात हो कि दक्षिण अफ़्रीकी नेता नेलसन मंडेला ने अपने जीवन का एक लम्बा समय राजनैतिक कैदी के रूप में गुज़ारा है. और यह पहली बार है कि यूएन ने ऐसा अध्ययन प्रकाशित किया है जब वैश्विक स्तर पर बन्दियों के सम्बन्ध में आंकड़े जारी किए गए हैं और इसमें लम्बे समय से कारावास में जीवन गुज़ार रहे बन्दियों और मौजूदा रुझानों की समीक्षा की गई है.

क़ैदियों की संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो जल्द ही एक करोड़ से कहीं ज्यादा लोग कारावास में होंगे. आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रति एक लाख व्यक्तियों पर लगभग 152 क़ैदी हैं.

उत्तरी अमेरिका, सब-सहारा अफ़्रीका और पूर्वी योरोप में दीर्घकालीन कारावास की दर में 27 प्रतिशत तक की कमी आई है, जबकि लातिन अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य क्षेत्रों व देशों में पिछले दो दशकों में संख्या में 68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

विश्व भर में हिरासत में रखे गए लोगों में 93 फ़ीसदी पुरुष हैं. मगर इसी अवधि में, बन्दीगृहों में महिलाओं की संख्या ज़्यादा तेज़ गति से बढ़ी है. पुरुषों के 25 फ़ीसदी की तुलना में उनकी संख्या में 33 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.

बन्दियों के साथ बर्ताव के लिए यूएन के न्यूनतम मानकों व नियमों के संरक्षक के तौर पर, यूएन एजेंसी ने जेलों में भीड़भाड़ की समस्या सम्बन्धी आकडों की भी पड़ताल की है. इन नियमों को नेलसन मंडेला नियम भी कहा जाता है.

भीड़भाड़ के सम्बन्ध में दर, भिन्न-भिन्न देशों व क्षेत्रों में अलग है, मगर जिन देशों से आंकड़े मिले हैं, उनमें से लगभग आधे देशों में जेल प्रणाली अपनी क्षमता से 100 प्रतिशत अधिक पर संचालित हो रही है.

रिपोर्ट में कोविड-19 महामारी की वजह से बन्दीगृहों में भीड़भाड़ के मुद्दे पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है. सरकारों व अन्य स्रोतों के एक वैश्विक विश्लेषण के मुताबिक़, मई 2020 तक, 122 देशों में पांच लाख, 50 हज़ार क़ैदी, कोविड-19 से संक्रमित हो गए.

47 देशों में क़रीब चार हज़ार बन्दियों की मौत हुई है.

इस महामारी से निपटने के प्रयासों के लिए कुछ जेलों में कामकाज के अवसरों, समय बिताने और आगन्तुकों की आवाजाही जैसे अधिकार सीमित किए गए हैं. रोकथाम उपाय हिरासत केन्द्रों में लागू कर पाना कठिन होता है, विशेष रूप से भीड़भाड़ भरे केन्द्रों में.

इसके मद्देनज़र कुछ देशों ने बड़ी संख्या में बन्दियों को हिरासत से अस्थाई रूप से रिहा करने का विकल्प चुना, ख़ासतौर पर उन बन्दियों के लिए, जिन्हें कम गम्भीर मामलों में हिरासत में लिया गया था.


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