हर वर्ष गरीबी दूर करने और गरीबों के लिए कार्यक्रमों की घोषणा होती आई है, लेकिन उनके परिणामों पर नज़र डालें तो पाएंगे कि मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की.
ViewAuthor: आलोक गुप्ता
You are never too old to set another goal or dream a new dream.
मोदी चीन दौरे से क्या-क्या लेकर आए?
समझना यह है कि अगर चीन ने भारत के साथ कोई समझौता भी किया है तो अपने आर्थिक हित और अंतरराष्ट्रीय छवि को धयान में रखकर, न कि भारत की सैन्य-शक्ति या किसी वर्ल्ड लीडर के दबाव में आकर.
Viewहथियार पर इतना खर्च क्यों?
दुनिया संघर्ष के दलदल में है उलझी
Viewबाघ की खाल में राम रहीम जैसे भेड़िये
धर्म चाहे जो भी हो, यह व्यापार का एक ऐसा साधन बन चुका है जिसने धर्मगुरुओं की परिभाषा बदल डाली है. इनके मठ में दुनिया के सारे कुकर्म हो रहे हैं फिर भी लोग अंध-भक्त बनकर समाज को तबाह कर रहे हैं.
Viewभारत को कुपोषण-मुक्त कब बनाएंगे
ऐसा संदेश जा रहा है कि राजनेताओं में सेवा-भाव का संचार नहीं के बराबर है और वे स्व-हित की भावना से बंधे हुए हैं. उनमें देशप्रेम कम दिखावे का देश प्रेम ज्यादा दिखता है. अगर उनमें सचमुच का देशप्रेम होता तो भूखमरी कब की मिट गई होती.
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