डेटा के उपयोग में अमेरिका और चीन सबसे आगे हैं और दुनिया के हाइपर-स्केल डेटा केन्द्रों (data centres) में उनका हिस्सा 50 प्रतिशत है.
इन देशों में 5जी टैक्नॉलॉजी को अपनाने की सबसे ऊंची दर है, आर्टिफ़िशियल इंटैलीज़ेंस (AI) के 70 फ़ीसदी शीर्ष शोधकर्ता यहीं हैं और उनके पास एआई में नई कम्पनियों की कुल लागत का 94 प्रतिशत है.
विश्व के सबसे बड़े डिजिटल मंचों में इन दोनों देशों का, बाज़ार पूंजीकरण (market capitalization) में हिस्सा 90 प्रतिशत है. महामारी के दौरान तो उनके मुनाफ़े और बाज़ार पूंजीकरण का मूल्य तेज़ी से ऊपर गया है.
सबसे बड़े डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म – ऐप्पल, माइक्रोसॉफ़्ट, ऐमेज़ोन, फ़ेसबुक, एल्फ़ाबैट (गूगल), टेन्सेन्ट और अलीबाबा – वैश्विक डेटा वैल्यू चेन के सभी हिस्सों में निवेश बढ़ा रहे हैं.
यहां गौर करने का विषय यह है कि ये प्लैटफ़ॉर्म अपने डेटा तंत्रों के दायरे में लगातार विस्तार कर रहे हैं और वैश्विक डेटा वैल्यू चेन के हर चरण को अपने नियंत्रण में ले रहे हैं.
उदाहरणस्वरूप, ऐमेज़ोन ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड में 10 अरब डॉलर का निवेश किया है. ऐमेज़ोन, ऐप्पल, फ़ेसबुक, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट, वर्ष 2016 से 2020 के दौरान, एआई के क्षेत्र में क़दम रखने वाली नई कम्पनियों का अधिग्रहण करने वाली शीर्ष कम्पनियां थीं.
डिजिटल डेटा, एक आर्थिक व रणनीतिक संसाधन के रूप में अहम भूमिका निभा सकता है, जिसका रुझान कोविड-19 महामारी के दौरान दिखाई दिया है.
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